व्याख्यान विधि क्या है? Lecture Method
व्याख्यान विधि क्या है?
व्याख्यान विधि सबसे सरल तथा सबसे प्राचीन शिक्षण विधि है।इस विधि में किसी भी पाठ को भाषण के रूप में बालकों के सामने पेश किया जाता है।इसमें अध्यापक किसी विषय पर कक्षा में व्याख्यान देते हैं तथा छात्र निष्क्रिय श्रोता होकर सुनते रहते हैं।व्याख्यान विधि में अध्यापक स्वयं को सक्रिय रहते हैं तथा भाषण देते समय यह नहीं देखते कि विद्यार्थी विषय को वाली बात ही समझ रहे हैं या कि नहीं समझ रहे हैं। व्याख्यान विधि क्या है?
व्याख्यान विधि में यह जानना कठिन हो जाता है कि विद्यार्थी किस सीमा तक ज्ञान को समझ सके हैं।यह विधि सिर्फ उच्च कक्षाओं हेतु उपयोगी मानी जाती है।इस विधि में विद्यार्थियों को सिर्फ सूचना प्रदान की जाती है उन्हें ज्ञान प्राप्त करने हेतु ना प्रेरणा मिलती है और ना ही उनमें व्यवहारिक क्षमता पैदा किया जाता है।
कहा जाए तो व्याख्यान विधि एक अध्यापक केंद्रित शिक्षण विधि है जो विद्यार्थियों की तरफ से किसी प्रश्न का उत्तर की अपेक्षा नहीं रखती है।
इस विधि को सभी विषयों के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती है क्योंकि विज्ञान जैसे विषय में चिंता निरीक्षण तथा विचारों की स्वतंत्रता का विशेष बल होता है। बालकों का सक्रिय रहना जरूरी होता है। जोकि व्याख्यान विधि में इन सब बातों की कमी नजर आती है।
व्याख्यान विधि क्या है?
यदि आप CTET या TET EXAMS की तैयारी कर रहें हैं तो RKRSTUDY.NET पर TET का बेहतरीन NOTES उपलब्ध है। NOTES का Link नीचे दिया गया है :- |
व्याख्यान विधि के गुण
- यह विधि शिक्षा के हेतु संक्षिप्त एवं सरल विधि है।
- व्याख्यान विधि उच्च कक्षाओं के लिए उपयुक्त विधि है।
- इस विधि द्वारा कम समय में अधिक पढ़ाया जा सकता है।
- पढ़ाते समय शिक्षक को ज्यादा सुविधा रहती है।
- व्याख्यान विधि में शिक्षक सक्रिय रहता है।अगर कुशाग्र से पाठ पढ़ाए तो विद्यार्थी में ज्यादा रुचि तथा आकर्षण पैदा किया जा सकता है।
- इस विधि में एक ही समय में ज्यादा से ज्यादा छात्र सुन सकते हैं तथा नोट भी कर सकते हैं।
व्याख्यान विधि क्या है?
व्याख्यान विधि के दोष
- इस विधि में छात्र निष्क्रिय रहते हैं।
- इस विधि में छात्रों को नया सीखने का अवसर नहीं मिलता है।
- व्याख्यान विधि से छात्रों को खोज का अवसर नहीं मिलता है।
- व्याख्यान विधि सीमित चौथे एवं सिद्धांत पर सीमित रहता है।
- इस विधि से छात्रों में नए कौशलों का विकास नहीं होता है।
- नीचे के कक्षाओं में तो यह विधि अरूचिकर तथा अमनोवैज्ञानिक है।
- यह विधि विज्ञान जैसे विषयों के लिए उपयुक्त नहीं है।
इसे भी पढ़ें
CTET Prepration Whatsapp Group
CTET Preparation Group | ![]() |