Hello आज के इस लेख में हम लोग “अधिगम” के बारे में चर्चा करेंगे। इस लेख में हम लोग जानेंगे कि अधिगम क्या होता है? बच्चे किस प्रकार से अधिगम करते हैं तथा बालक के अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं।
अधिगम को सीखना भी कहते हैं।
अधिगम किसे कहते हैं।
सीखना/अधिगम का तात्पर्य सीखना है अर्थात जब कोई बालक किसी चीज को सीखता है तो इस प्रक्रिया को अधिगम कहते हैं।
अधिगम की परिभाषा क्या है?
सीखना/अधिगम व्यवहार में परिवर्तन है जो अनुभव, अभ्यास एवं प्रशिक्षण के द्वारा होता है।
अधिगम की विशेषताएं/प्रकृति:-
- अधिगम एक ऐसी प्रक्रिया है जो जीवन प्रयत्न चलती रहती है।
- यह व्यवहार में परिवर्तन है।
- अधिगम सार्वभौमिक है।
- अधिगम वृद्धि और विकास है।
- यह अनुभवों की व्यवस्था है।
- अधिगम समस्या समाधान की प्रक्रिया है
- अधिगम वातावरण की उपाधि एवं नवीन व्यवहार की खोज है।
- यह प्रक्रिया और परिणाम दोनों है।
- अधिगम मानसिक क्षमताओं के विकास की प्रक्रिया है।
- यह समायोजन या अनुकूलन है।
- अधिगम सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रकार का होता है।
- अधिगम उद्देश्य पूर्ण एवं विवेक पूर्ण है।
बच्चे किस प्रकार से सीखते हैं?
बच्चे के सीखने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:-
➠ अवलोकन द्वारा
➠ सक्रिय भागीदारी से
➠ स्वयं करके
➠ अंतः क्रिया द्वारा
➠ अनुभव से
अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं:-
बालक के अधिगम कई प्रकार के कारकों से प्रभावित होता है उनमें से कुछ कारक निम्नलिखित हैं:-
परिवार:- बालक सर्वप्रथम अपने परिवार के सदस्यों के द्वारा अंतर क्रिया करके सीखता है। जिस प्रकार में बच्चे को अनुभव व प्रशिक्षण के अवसर अधिक मिलते हैं उस परिवार में बच्चे जल्दी सीखते हैं।
समुदाय:- बालक के अधिगम विकास में परिवार के बाद समुदाय का अहम भूमिका होता है। समुदाय अपने आदर्शों, मूल्यों, संस्कारों के अनुरूप बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति और जिज्ञासा पैदा करती है।
विद्यालय:- बालक के अधिगम को विद्यालय भी प्रभावित करती है। विद्यालय का वातावरण, बालक के समकक्षीय मित्र एवं शिक्षक बच्चों के अधिगम को प्रभावित करते हैं।
समवाय समूह:- बालक बड़ों अथवा गुरु की अपेक्षा अपने हम उम्र के बच्चों से काफी तेजी से सीखता है। बालक की संगति का प्रभाव उसके अधिगम पर पड़ता है।
परिपक्वता:- परिपक्वता का मतलब किसी भी काम को सीखने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम होने से है। जो बालक जितना परिपक्व होगा वह उतनी तेजी से सीखेगा। अर्थात परिपक्वता भी बालक के अधिगम को प्रभावित करता है।
मीडिया:- मीडिया अधिगम का प्रभावकारी साधन है। जिस परिवेश के बच्चे को मीडिया के विभिन्न साधनों को देखने एवं अंतर क्रिया करने का ज्यादा अवसर मिलता है वह बच्चा अधिक सकता है। मीडिया से बालक के अधिगम पर सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ता है।
अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक
तत्परता:- तत्परता का संबंध इच्छा से है। अर्थात जो बालक जितना इच्छुक रहेगा वह जल्दी तथा ज्यादा कुछ सीखेगा।
योग्यता एवं क्षमता:- व्यक्तिगत योग्यता एवं क्षमता सीखने की प्रक्रिया में उत्प्रेरक का काम करती है। जिसके पास सीखने की जितनी योग्यता एवं क्षमता होती है वह उतनी तेजी से सीखता है।
स्मरण शक्ति:- जिस बच्चा का मानसी का स्मरण शक्ति जितनी समृद्ध एवं जितना उन्नत होता है वह उतनी तेजी गति से सीखता है।
पोषण:- पोषण भी बालक के अधिगम को प्रभावित करता है। ऐसा माना जाता है कि “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है।” स्वास्थ्य शरीर तभी प्राप्त होगा जब बालक को उचित पोषण मिलेगा। अतः बालक के अधिगम को पोषण भी प्रभावित करता है।
उपरोक्त लेख में हम लोगों ने अधिगम से जुड़ी चीजों का अध्ययन किया। जैसे:- अधिगम क्या है, अधिगम की परिभाषा क्या है? बच्चे किस प्रकार से सीखते हैं तथा अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं? इसी तरह का अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए पढ़ते रहिए RKRSTUDY.NET
> बाल विकास को प्रभावित करने वाले करक
CTET Preparation Group |