अम्ल एवं क्षार में अन्तर Difference Between Acid and Base अम्ल एवं क्षार में अन्तर जानने से पहले अम्ल एवं क्षार के अर्थ एवं परिभाषा को जानते हैं।

अम्ल का शाब्दिक अर्थ

अम्ल English word Acid का हिंदी रूपांतरण है। Acid शब्द लैटिन शब्द “Acidus” से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है “Sore”. इसका अर्थ होता है खट्टा।

अम्ल की परिभाषा

वैसे रासायनिक पदार्थ जिसका स्वाद खट्टा होता हो, जो नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता हो तथा जल में घुलने पर H+ आयन प्रदान करता हो अम्ल कहलाता है।

अम्ल एवं क्षार में अन्तर

वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया अम्ल की परिभाषा :-

रॉबर्ट बॉयल का सिद्धांत ‌

अम्ल वह पदार्थ है जिसका स्वाद खट्टा होता है, जो नीले लिटमस पत्र को लाल करता है तथा बहुत से पदार्थों को घुलाने की क्षमता रखता है, अम्ल कहलाता है।

एच डेबी का सिद्धांत

अम्ल वह पदार्थ है जिनमें विस्थापन योग्य हाइड्रोजन परमाणु रहते हैं और जिनको जब किसी धातु से विस्थापित किया जाता है तो लवण का निर्माण होता है अम्ल कहलाता है।
जैसे:-
Zn + 2HCl = ZnCl2 + H2

अम्ल एवं क्षार में अन्तर

आरहेनियस का सिद्धांत

वे रासायनिक पदार्थ जो जल में घुलकर H+ आयन प्रदान करते हैं अम्ल कहलाता है।

लुइस का सिद्धांत

अम्ल वह पदार्थ है जो इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करने की प्रवृत्ति रखता है।

ब्रोन्स्टेड लौरी का सिद्धांत

अम्ल वह पदार्थ है जो प्रोटीन प्रदान करने की क्षमता रखता है।

क्षारक की परिभाषा

क्षार वह रासायनिक पदार्थ है जो चिकना होता है तथा लाल लिटमस को नीला कर देता है और बहुत से पदार्थों को घुलाने की शक्ति रखता है।

Base (क्षार) को भस्म भी कहा जाता है जल में घुलनशील सभी भस्म क्षार कहलाते हैं।

Note : सभी क्षार भस्म होते हैं किन्तु सभी भस्म, क्षार नहीं होते हैं

अम्ल एवं क्षार में अन्तर

वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया क्षार का परिभाषा

रॉबर्ट बॉयल का सिद्धांत का सिद्धांत

क्षार पदार्थ होता है जो छूने में चिकना लगता है लाल लिटमस पत्र को नीला करता है जो बहुत से पदार्थों को बुलाने की शक्ति रखता है तथा जो अमृत से मिलकर आंवले के गुण को नष्ट कर देता है।

एच डेवी का सिद्धांत

वह पदार्थ जो अम्ल से प्रतिक्रिया करके लवण तथा जल का निर्माण करता है क्षार कहलाता है।

क्षार + अम्ल → लवण + जल

NaOH + HCl → NaCl + H2O

अम्ल एवं क्षार में अन्तर

आर्हेनियस का सिद्धांत

क्षार वह पदार्थ है जो जल में घुलकर OH- आयन प्रदान करता है।

लुइस का सिद्धांत

क्षार वह पदार्थ है जिसमें इलेक्ट्रॉन युग में प्रदान करने की प्रवृत्ति होती है।

ब्रोन्स्टेड लौरी का सिद्धांत

इस सिद्धांत के अनुसार क्षार वह पदार्थ है जो किसी अम्ल से प्रोटॉन का ग्रहण गठन करता है।

अम्ल एवं क्षार में अन्तर

अम्ल (Acid) क्षार (Base)
1. अम्ल स्वाद में खट्टा होता है। 1.क्षार का स्वाद कड़वा होता है।
2. Acid नीले लिटमस पत्र को लाल रंग में बदल देता है। 2. यह लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है।
3. अम्लों के गुण क्षार के साथ अभिक्रिया के साथ समाप्त हो जाती है। 3. क्षार के गुण अम्ल की अभिक्रिया द्वारा समाप्त हो जाती है।
4.अम्ल जलीय विलयन में घुलने के पश्चात हाइड्रोजन आयन (H+) देते हैं 4.क्षार जलीय विलयन में घुलने के पश्चात हाइड्रा ऑक्साइड आयन (OH-) देते हैं
5.अम्ल का PH मान 7 से कम होता हैं। 5.क्षार का PH मान 7 से अधिक होता हैं।
6.ये प्रोटॉन दाता (डोनर) कहलाते है। 6.प्रोटॉन ग्राही (एक्सेप्टर) कहलाते है।
7.अम्ल के उदाहरण हैं हाइड्रोक्लोरिक अम्ल(HCL), सल्फ्यूरिक अम्ल(H2SO4) नाइट्रिक अम्ल,(HNO3),कार्बनिक अम्ल(H2CO3 7.क्षार के उदाहरण है अमोनियम हाइड्रोक्साइड (NH4OH), कैलशियम हाइड्रोक्साइड(Ca(OH)2), सोडियम हाइड्रोक्साइड(NaOH)

 

Read more –