इस लेख के माध्यम से आप “असमानता (Inequality)” के बारे में अध्ययन करेंगे। आप जानेंगे कि असमानता किसे कहते हैं? असमानता का अर्थ क्या है? असमानता के प्रकार क्या है? असमानता के दुष्प्रभाव क्या है? Asamanta kya hai?
असमानता किसे कहते हैं?
किसी एक समाज में उपस्थित अलग-अलग व्यक्तियों के बीच जाति धर्म व्यवसाय संपत्ति शिक्षा व्यवहार अधिकार इत्यादि में जो भिन्नता होती है उसे ही असमानता कहते हैं।
असमानता के कई आधार होते हैं जैसे :-
- धर्म के आधार पर
- कर्म के आधार पर
- जाति के आधार पर
- संपत्ति के आधार पर
- प्रतिष्ठा के आधार पर
- अधिकार के आधार पर
- शिक्षा के आधार पर
असमानता किसे कहते हैं? असमानता का अर्थ, असमानता के प्रकार, असमानता के दुष्प्रभाव
इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि- यदि समाज अपने मूल्यों के तहत ऊंच-नीच का क्रम बना ले और उसके आधार पर दो व्यक्तियों के बीच उसके अधिकार एवं प्रतिष्ठा के आधार पर अंतर कर दे तो वे सामाजिक असमानता की श्रेणी में आएंगे।
असमानता के प्रकार
असमानता दो प्रकार के होते हैं:-
1)प्राकृतिक असमानता
2)सामाजिक असमानता
- जैविक बनावट एवं गुण में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से भिन्न है तो यह प्राकृतिक असमानता के अंतर्गत आती है।
- एक ही समाज में अलग-अलग व्यक्तियों के लिए अलग-अलग अधिकार एवं नियम बना हो तो वह सामाजिक असमानता के अंतर्गत आएंगे।
असमानता के दुष्प्रभाव
- असमानता के कारण व्यक्ति अपने आपको हीन महसूस करते हैं।
- मनुष्य अपने मूलभूत अधिकारों से भी वंचित रहते हैं।
- ऐसे मनुष्य का विकास अवरुद्ध हो जाता है।
- असमानता किसी समाज के लिए अभिशाप है जो निम्न वर्गों को आगे बढ़ने से रोकता है।
इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि असमानता (Inequality) किसे कहते हैं?
मैं उम्मीद करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आई होगी तथा यह आपके लिए उपयोगी भी होगा। इसी तरह के अन्य लेख को पढ़ने के लिए पढ़ते रहिए…..RKRSTUDY.NET
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