Bachpan Kise kahte hain? बचपन किसे कहते हैं? Childhood Kya hai?

बचपन की अवधारणा

बालक के जन्म से लेकर किशोरावस्था से पहले तक का काल को बचपन कहते है। बचपन को शैशवावस्था भी कहते हैं।

बचपन में बच्चा एक कोरी स्लेट की तरह होता है जिस पर कुछ भी लिखा जा सकता है। बचपन में बच्चे अनुकरण करना पसंद करते हैं, वे जैसा देखते हैं, जैसा सुनते हैं वैसा ही अनुकरण करने का प्रयास करते हैं।

बचपन किसे कहते हैं?

इस अवस्था में बच्चे के व्यक्तित्व का विकास अत्यंत तीव्र गति से होता है। अर्थात जीवन के पूरे विकास का एक तिहाई विकास बचपन में ही पूर्ण हो जाता है।

बचपन के प्रथम ढाई वर्षो में बालक के शरीर और मस्तिष्क की गति सर्वाधिक होती है। इस समय बालक अपने चारों ओर के वातावरण को आत्मसात करने लगता है। बचपन के शेष 3 वर्ष अर्थात 6 वर्ष की आयु तक बालक हाथ पैरों के उपयोग में नवीन कौशल अर्जित करने लगता है।

अतः बचपन के समय में बालक विभिन्न क्रियाकलापों में समन्वय स्थापित करने लगता है।

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बचपन की विशेषताएं

  • बालक में सीखने के साथ ही भाषा का भी विकास होता है।
  • बालक की मांसपेशियों में वृद्धि होती है अर्थात तो उसका शारीरिक विकास होता है।
  • बचपन में सोचने समझने की बौद्धिक क्षमता का विकास होता है।
  • बालों को के मिलने जुलने एवं परस्पर एक दूसरे के साथ खेलने से उनमें भावात्मक विकास होता है।
  • बचपन में बालक आपने पर्यावरण के अनुभवों से शारीरिक एवं मानसिक व्यक्तित्व की स्वाभाविक विशेषताओं की रचना करता है।
  • बचपन में बालक जिन संस्कारों को ग्रहण कर लेता है, वे अस्थाई हो जाते हैं।

बचपन किसे कहते हैं?

बचपन के अंतर्गत आने वाले अवस्थाएं

  • गर्भावस्था
  • प्रारंभिक शैशवावस्था
  • उत्तर शैशवावस्था
  • बाल्यावस्था
  • पूर्व किशोरावस्था

उपरोक्त सारी अवस्थाओं को बचपन के अंतर्गत रखा जा सकता है।

अर्थात हम कह सकते हैं कि बालक के जन्म से लेकर 11 वर्ष तक की आयु बचपन कहलाता है।

उपरोक्त लेख में हमलोगो ने पढ़ा कि – बचपन किसे कहते हैं?

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