इस लेख के माध्यम से आप डॉ जाकिर हुसैन का शिक्षा दर्शन के बारे में अध्ययन करेंगे। आप जानेंगे कि परिवार किसे कहते हैं? डॉ जाकिर हुसैन का शिक्षा दर्शन क्या है? डॉक्टर जाकिर हुसैन के अनुसार शिक्षा का अर्थ,जाकिर हुसैन का अनुसार शिक्षा के उद्देश्य, डॉ जाकिर हुसैन के अनुसार शिक्षा का पाठ्यक्रम क्या है?

डॉ जाकिर हुसैन का शिक्षा दर्शन

डॉक्टर जाकिर हुसैन के अनुसार शिक्षा का अर्थ

  • डॉ जाकिर हुसैन आत्मानुभूति को वास्तविक शिक्षा मानते थे। उनका मानना था कि शिक्षा ही एकमात्र ऐसा कारक है जो मनुष्य के संतुलित विकास एवं सर्वांगीण विकास करता है।
  • डॉ जाकिर हुसैन कहते थे कि शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य जीविकोपार्जन नहीं है बल्कि, शिक्षा तो मानव मस्तिष्क के पूर्ण विकास का नाम शिक्षा है।
  • डॉ जाकिर हुसैन कहते थे कि शिक्षा एक सतत प्रक्रिया है जिसमें साध्य के साथ-साथ साधन काफी महत्वपूर्ण स्थान है।
  • राष्ट्र में एकता एवं जागृति का एकमात्र साधन शिक्षा को मानते थे।
  • डॉ जाकिर हुसैन ने एक बहुत ही अच्छी बात कही है कि – शिक्षा वास्तव में किसी भी समाज की जानी-बूझी, सोची-समझी ऐसी कोशिश का नाम है जो समाज के अस्तित्व को कायम रखने में सफल होती है।
  • राष्ट्रीय जीवन में शिक्षा एक ऐसे पुल का काम करती है जो अतीत को वर्तमान से जोड़ता है।

जाकिर हुसैन ने शिक्षा को 5 स्तरों में विभाजित किया है –

  1. प्राथमिक शिक्षा
  2. पूर्व माध्यमिक शिक्षा
  3. माध्यमिक शिक्षा
  4. उच्च शिक्षा
  5. विशेष शिक्षा

 

1. प्राथमिक शिक्षा

  • डॉक्टर जाकिर हुसैन के अनुसार इस स्तर में बालक को शरीर के विकास पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
  • बच्चों के लिए अच्छे वातावरण का सृजन होना बहुत आवश्यक है।
  • प्राथमिक स्तर की शिक्षा में रचनात्मक तथा हस्तशिल्प का विशेष स्थान होना चाहिए।
  • 6 से 12 वर्ष तक निशुल्क शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए।

2. पूर्व माध्यमिक शिक्षा

  • पूर्व माध्यमिक शिक्षा में डॉक्टर जाकिर हुसैन ने निम्नलिखित बातें कहे हैं।
  • राज्य को इसके प्रसार एवं उन्नति में पूर्ण सहायता देनी चाहिए।
  • बालक के शारीरिक एवं मानसिक विकारों पर अत्यधिक ध्यान देना चाहिए।
  • बालक की मनोवृति पर सुप्रभाव डालने वाले वातावरण का सृजन परिवार एवं विद्यालय दोनों में होना चाहिए।

3. माध्यमिक शिक्षा

  • डॉ जाकिर हुसैन के अनुसार इस स्तर पर स्पष्ट सांस्कृतिक लक्ष्य रखा जाना चाहिए।
  • शिक्षा में जीविकोपार्जन का उद्देश्य भी शामिल करना चाहिए।
  • बालक की क्षमताओं उनकी योग्यताओं के अनुरूप विभिन्न प्रकार के माध्यमिक विद्यालय खोले जाने चाहिए।
  • क्रियात्मक पद्धति को अपनाना चाहिए।
  • रटने की प्रवृत्ति को खत्म करके रचनात्मक कार्य को प्राथमिकता देनी चाहिए।

 

3. उच्च शिक्षा

  • डॉ जाकिर हुसैन के अनुसार विश्वविद्यालय को स्वायत्तता मिलनी चाहिए।
  • उन्होंने कहा है कि विद्यार्थी में सत्य की खोज और जिज्ञासा के प्रति उत्साह जगाना चाहिए।
  • विद्यार्थी में राष्ट्रीय भावना का विकास करना चाहिए।

4. विशेष शिक्षा

  • डॉ जाकिर हुसैन कहते हैं कि विद्यार्थी को विज्ञान की शिक्षा अनिवार्य रूप से देनी चाहिए।
  • विज्ञान में धर्म तथा नैतिक मूल्य भी समाहित करने चाहिए तथा वैज्ञानिक प्रगति मानव के हित के लिए होगी।

डॉक्टर जाकिर हुसैन के अनुसार शिक्षा के उद्देश्य

  • बच्चों को बाहरी जगत से साक्षात्कार कराना।
  • बच्चों को मूल्यों का आदर्श चरित्र की प्राप्ति और सांस्कृतिक उपलब्धियों से अवगत कराना।
  • परिवर्तनशील विश्व समाज के अनुरूप बालकों को ढ़ालने का प्रयत्न करना।
  • बालक की मानसिक व शारीरिक शक्तियों का इस प्रकार से विकास करना जिससे वह बाह्य जगत से सामंजस्य स्थापित कर सके।
  • बालकों को जीविकोपार्जन के योग्य बनाना।
  • स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देना।

डॉक्टर जाकिर हुसैन के अनुसार पाठ्यक्रम

  • डॉ जाकिर हुसैन ने शिक्षा को प्रारंभिक, पूर्व माध्यमिक, माध्यमिक, उच्च एवं विशेष शिक्षा के रूप में विभाजित किया है।
  • प्रत्येक स्तर पर उन्होंने पाठ्यक्रम में कर्म को शामिल किया।
  • पाठ्यक्रम में उन्होंने विशेष रूप से विज्ञान को शामिल करने की बातें कही है।
  • धर्म, भाषा, इतिहास को उन्होंने हर स्तर पर पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात रखी है।

इस लेख के माध्यम से आपने डॉ जाकिर हुसैन का शिक्षा दर्शन के बारे में अध्ययन किया।

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