इस लेख के अंतर्गत CTET Math Pedagogy के अंतर्गत आने वाले Topic गणित में मूल्यांकन एवं गणित शिक्षण में मूल्यांकन के उद्देश्य के बारे में Notes दिया गया है जो आगामी TET परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण है। तो चलिए हम लोग मूल्यांकन एवं गणित में मूल्यांकन के बारे में अध्ययन करते हैं।
मूल्यांकन क्या होता है? [What is Evaluation]
मूल्यांकन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हमें यह ज्ञात होता है कि कोई बच्चा अधिगम को किस स्तर तक सीखा है या किस स्तर तक अधिगम को ग्रहण करने में समर्थ रहा है।
मूल्यांकन के द्वारा अधिगम की उपलब्धियों का पता लगाया जाता है।
मूल्यांकन बालक के अधिगम का मूल्यांकन करती है अधिगम में हुई कठिनाई को मूल्यांकन के द्वारा पता लगाया जा सकता है। मूल्यांकन की प्रक्रिया शिक्षक के लिए भी लागू होती है। इस प्रक्रिया के द्वारा यह पता चलता है कि एक शिक्षक बच्चे को किस स्तर तक अधिगम कराने में सफल रहा है। बच्चे को किस स्तर तक ज्ञान देने में सफल हुए हैं यह बात की जानकारी मूल्यांकन देती है।
मूल्यांकन क्यों जरूरी होता है?
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा बालकों के प्रगति अस्तर का पता लगाया जाता है। मूल्यांकन अधिगम को सरल एवं सुगम बनाने की कार्य करता है। मूल्यांकन से यह पता लग जाता है कि बालक कहां पर समझता है। तथा कोई कोई ऐसा भी तथ्य होता है जो बालक समझने में असमर्थ होता है यह बात मूल्यांकन के द्वारा ही पता चल पाता है।
CTET Math Pedagogy Notes In Hindi
जिस टॉपिक को समझने में बालक को कठिनाई होती है यह बात मूल्यांकन से पता लग जाता है तथा इसके फलस्वरूप शिक्षक उस टॉपिक को अन्य तरीकों से विद्यार्थियों को समझाने का कोशिश करते हैं इससे यह पता चलता है कि शिक्षक को शिक्षण विधि के लिए मूल्यांकन का होना जरूरी है।
अगर किसी वर्ग के मूल्यांकन के परिणाम में 90% बच्चे सफल होते हैं तथा 10% बच्चे और सफल होते हैं तो ऐसा माना जाता है कि 10% बच्चे में कमी है जिसके कारण हुए और सफल हुए हैं।परंतु दूसरी तरफ अगर 90% बच्चे और सफल होते हैं और केवल 10% बच्चे ही सफल होते हैं तो यह बात को दर्शाता है कि कहीं ना कहीं बच्चे में कमी ना होकर शिक्षण व्यवस्था में कमी है जिसके कारण 90% बच्चे असफल हुए हैं।
गणित शिक्षण में मूल्यांकन के उद्देश्य
गणित शिक्षण में मूल्यांकन के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं :-
- पाठ्यक्रम में आवश्यकता अनुसार सुधार या संशोधन करना।
- परीक्षा प्रणाली में सुधार करना।
- निर्देशन एवं परामर्श हेतु उचित अवसर प्रदान करना।
- अध्यापकों की कार्यकुशलता एवं सफलता का मापन करना।
- बालकों के व्यवहार संबंधी परिवर्तनों की जांच करना।
- बालकों की दुर्बलता ओं तथा योग्यताओं की जानकारी प्राप्त करने में सहायता देना।
- नवीनतम एवं प्रभावी शिक्षण विधियों एवं विधियों की खोज करना भी मूल्यांकन का उद्देश्य है।
- अनुदेशन की प्रभावशीलता का पता लगाना।
- प्रचलित शिक्षण विधियों तथा पाठ्य पुस्तकों की जांच करके उन में अपेक्षित सुधार करना।
- उपरोक्त सारी बातें गणित शिक्षण में मूल्यांकन के उद्देश्य हैं।
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