आज के इस लेख में आप “ज्ञान” के बारे में अध्ययन करेंगे ।आप जानेंगे कि ज्ञान क्या है? ज्ञान का परिभाषा क्या है? ज्ञान की प्रकृति एवं ज्ञान की विशेषताएं क्या है?
ज्ञान का अर्थ क्या है?
ज्ञान की शाब्दिक अर्थ के बारे में अगर बात करें तो ज्ञान शब्द “ज्ञ” धातु से बना है जिसका अर्थ होता है – जानना।
ज्ञान किसे कहते हैं?
जान हमारे कार्यों का आधार है यह आत्मा का गुण है मनुष्य सही या गलत ज्ञान के आधार पर ही कार्य करता है अर्थात, किसी को जानना उससे परिचित होना उससे ज्ञात होना इत्यादि ज्ञान के अंतर्गत आते हैं।
ज्ञान की परिभाषा
प्लेटो के अनुसार – विचारों की दलीय व्यवस्था और आत्मा परमात्मा के स्वरूप को जानना ही सच्चा ज्ञान है।
सुकरात के अनुसार – ज्ञान सर्वोच्च सद्गुण है।
विलियम जेम्स के अनुसार – ज्ञान व्यवहारिक प्राप्ति और सफलता का दूसरा नाम है।
प्रोफ़ेसर रसाल के अनुसार – ज्ञान वह है जो मनुष्य के मन को प्रकाशित करता है
ज्ञान की प्रकृति एवं विशेषताएं
- ज्ञान सभ्यता का नाम है।
- ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती।
- ज्ञान को मनुष्य का तीसरी आंख कहा गया है।
- ज्ञान शक्ति है।
- ज्ञान समाज सुधारने में सहायता करता है जैसे अंधविश्वास रूढ़िवादिता को दूर करता है।
- ज्ञान 3 तथ्यों पर आधारित है सच्चाई सबूत और विचार।
- ज्ञान रुपए की तरह होता है रुपए की तरह ही मनुष्य जितना ज्ञान प्राप्त करेगा उसकी ज्ञान प्राप्त करने की भूख उतनी ही बढ़ती जाएगी।
- ज्ञान को मस्तिष्क का खुराक कहा जाता है।
- ज्ञान चरित्र निर्माण का एक साधन है।
ज्ञान प्राप्त करने के स्रोत
- प्रकृति
- पुस्तकें
- इंद्रिय अनुभव
- साक्ष्य
- तर्क बुद्धि
- अंतः प्रज्ञा
- जिज्ञासा
- अभ्यास
- संवाद
- अनुकरणीय ज्ञान
आज के इस लेख में आप लोगों ने ज्ञान के बारे में अध्ययन किया आपने जाना कि ज्ञान किसे कहते हैं? ज्ञान का परिभाषा क्या है? ज्ञान की प्रकृति एवं ज्ञान की विशेषताएं क्या है?
मैं उम्मीद करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आई होगी तथा यह आपके लिए उपयोगी भी होगा। इसी तरह के अन्य लेख को पढ़ने के लिए पढ़ते रहिए…..RKRSTUDY.NET
Watch This Topic on YouTube
CTET Preparation Group | ![]() |