झूम खेती क्या है? झूम खेती कहां होती है? झूम खेती कैसे की जाती है? इस लेख में हमारा Topic है- झूम खेती क्या है? हम लोग इस लेख में अध्ययन करेंगे कि झूम खेती किसे कहते हैं? झूम खेती कहां होती है तथा झूम खेती कैसे की जाती है? तो चलिए हम लोग जानते हैं कि झूम खेती किसे कहते हैं?

झूम खेती क्या है?

झूम खेती कृषि का एक पद्धति है। इस प्रकार की खेती में एक फसल जब कट जाता है तो जमीन को कुछ साल तक छोड़ दिया जाता है। कुछ सालों तक उसमें खेती नहीं करते हैं। खाली जगह होने के कारण जमीन पर बास या अन्य जंगल उग जाता है। उस जंगल को बुखार तो नहीं है बस उस जंगल को गिरा कर जला देते हैं। जुड़ा होता है वह खाद का काम करता है। फिर जब खेती का समय आता है तब जमीन को जोता नहीं जाता है। सिर्फ मिट्टी को हल्के से हिलाकर बीज छिड़क देते हैं।

झूम खेती में एक ही खेत में अलग-अलग तरह के बीच पाए जाते हैं जैसे :- मकई, सब्जियां, मिर्ची और चावल इत्यादि।

Q. झूम खेती कहां की जाती है?
Ans :- झूम खेती में मिजोरम में की जाती हैं।

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झूम खेती से जुड़े रोचक तथ्य

झूम खेती मिजोरम में की जाती है।
इस प्रकार की खेती में फसल काटने के बाद कुछ सालों तक जमीन को छोड़ दिया जाता है।
खाली जगह में जो जंगल उगता है उसे उखाड़कर फेकते नहीं है। सिर्फ जंगल को गिरा कर जला देते हैं।
झूम खेती में जमीन को जोता नहीं जाता है। सिर्फ मिट्टी को हिलाकर बीज छिड़क दिया जाता है।
झूम खेती में मुख्य फसल “चावल” का किया जाता है।

इस लेख में हम लोगों ने जाना कि झूम खेती किसे कहते हैं? झूम खेती कहां होती है तथा झूम खेती कैसे की जाती है?

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