इस लेख के माध्यम से आप “खेल (Play)“ के बारे में अध्ययन करेंगे। आप जानेंगे कि खेल किसे कहते हैं? खेल के प्रकार, खेल के परिभाषा, खेल के महत्व एवं खेल के गुण क्या है?
किसी कार्य को करते हुए जब हम थक जाते हैं तब हम मनोरंजन के लिए किसी भी प्रकार के खेल को खेलते हैं जिससे हमारा दिमाग फिर से ताजा हो सके और फिर से हम कार्यों को कर सकें।
खेल किसे कहते हैं?
खेल बालक का मूल प्रवृत्ति, आत्म नियंत्रित, और प्रेरणादायक तथा रचनात्मक क्रियाओं की अभिव्यक्ति करने वाली क्रिया है जिससे मनोरंजन के साथ-साथ आनंद की प्राप्ति होती है।
- खेल से बालक का शारीरिक विकास होता है।
खेल के माध्यम से बालक में दो प्रकार के परिवर्तन आते हैं –
1) जैविक परिवर्तन
2) मनोगत्यात्मक परिवर्तन
जैविक परिवर्तन का संबंध बालक के शारीरिक विकास से है। जिसके अंतर्गत लंबाई चौड़ाई भार इत्यादि में वृद्धि होता है।
मनोगत्यात्मक परिवर्तन के अंतर्गत बालक के सामाजिक व्यवहार मूल्य आदर्श संस्कार संवेग संज्ञान नैतिकता जैसे भावनात्मक पक्ष आते हैं।
बालक के जैविक परिवर्तन हो या मनोगत्यात्मक परिवर्तन दोनों में खेल की अहम भूमिका होती है और खेल विकास को तेजी से बढ़ाने में मदद करती है।
खेल कई प्रकार के होते हैं जिसका कुछ महत्वपूर्ण प्रकार निम्नलिखित है :-
परीक्षणात्मक खेल
इस प्रकार के खेल में अंबाला की चीजों का परीक्षण करता है। वस्तु को बालक बार-बार उलट-पुलट कर देखता है और उसके बारे में जानने का प्रयास करता है।
यह खेल वयक्तिक होता है। जैसे :- खिलौने के साथ खेलना
गतिशील खेल
गतिशील खेल उछल कूद, भागदौड़ वाले खेल होते हैं। इन खेलों से शारीरिक विकास होता है।इस प्रकार के खेल समूह में खेले जाते हैं।
जैसे :- कबड्डी कुश्ती क्रिकेट फुटबॉल इत्यादि।
रचनात्मक खेल
इस प्रकार के खेलों में बालक भिन्न-भिन्न वस्तुओं का निर्माण करता है।
इस प्रकार के खेल के द्वारा बालक में रचनात्मक गुणों का विकास होता है और बालक सृजनशील बनते हैं।
जैसे :- मिट्टी से चीजें बनाना, रेत के टीले बनाना, ईट को जोड़कर छोटा-छोटा घर बनाना इत्यादि
बौद्धिक खेल
इस प्रकार के खेलों से बालक की बुद्धि का विकास होता है। कार के खेल को खेलने के लिए बालक का अपना बुद्धि का इस्तेमाल करना पड़ता है।
जैसे :- शतरंज, पहेलियां बुझाना, सुडोकू इत्यादि।
रोमांचकारी खेल
कुछ खेल पारंपरिक खेलों से हटकर होते हैं। जीने खेलने में खूब आनंद विहार ता है और डर भी लगता है। इसे रोमांचकारी खेल की श्रेणी में रखा गया है।
जैसे :- रिवर राफ्टिंग – ( पहाड़ी नदी में नाव चलाना), पैराग्लाइडिंग – (ऊंची जगह से पंखों की मदद से उड़ना), स्कीइंग – (बर्फ पर पार्टियों की मदद से फिसलना)
खेल किसे कहते हैं? खेल के प्रकार, खेल के परिभाषा, खेल के महत्व एवं खेल के गुण
खेल का महत्व एवं उद्देश्य
- खेल एक जन्मजात और स्वाभाविक क्रिया है।
- खेल स्वतंत्र और आत्म प्रेरित होते हैं।
- खेल, स्फूर्ति और आनंद प्रदान करते हैं।
- खेल बालकों के जैविक तथा मनोगत्यात्मक विकास में सहायक है।
- यह कल्पनाशीलता एवं सृजनात्मकता को बढ़ावा देता है।
- खेल के माध्यम से बालक में भाषाई विकास होता है।
- खेल के द्वारा बालक में सामाजिक विकास भी होता है।
Note :- किंडरगार्टन प्रणाली, मोंटेसरी प्रणाली एवं प्रोजेक्ट विधि खेल पर आधारित शिक्षण विधि है। बच्चों को खेल के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाती है।
इस लेख के माध्यम से आपने खेल किसे कहते हैं के बारे में अध्ययन किया।
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