इस लेख के माध्यम से आप “नैतिकता (Morality)” के बारे में अध्ययन करेंगे। आप जानेंगे कि नैतिकता किसे कहते हैं? नैतिकता का अर्थ क्या है? नैतिकता की विशेषता क्या है? नैतिकता के परिभाषा क्या है? Naitikta Kya hai
नैतिकता किसे कहते हैं?
यदि आप धर्मशास्त्र, नीतिशास्त्र, दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र और मनोविज्ञान जैसे अलग-अलग विषय क्षेत्रों में नैतिकता के अर्थ को जानने का प्रयास करेंगे तो सब जगह इसका अलग-अलग अर्थ मिलेंगे।
नैतिकता किसे कहते हैं? नैतिकता (Morality) का अर्थ, परिभाषा एवं विशेषता
हम लोग मनोविज्ञान के आधार पर नैतिकता के अर्थ, नैतिकता के परिभाषा, नैतिकता के गुण एवं विशेषता का आज अध्ययन करेंगे।
नैतिक मूल्यों की जननी नैतिकता (Morality) को कहा गया है।
नैतिक मूल्यों के अंतर्गत प्रेम, भाईचारा, करूणा, दया, सहयोग, मंगलकामना, न्यायप्रियता, सत्य और अहिंसा इत्यादि की भावना आते हैं।
नैतिकता (Morality) क्या है?
- इन सभी भावनाओं की जननी नैतिकता होता है।
- नैतिकता के आधार पर ही हम सही-गलत, अच्छा-बुरा, उचित-अनुचित, सत्य-असत्य इत्यादि का निर्णय लेते हैं।
- नैतिकता ही हाड़-मांस के प्राणी में मनुषत्व को प्रतिस्थापित करता है।
- नैतिकता ही मानव और पशु में फर्क पैदा करता है।
नैतिकता की परिभाषा
महात्मा गांधी के अनुसार :- जो शुभ है, सद्गुण है वाह नैतिक हैं और सभी प्रकार का दुर्गुण अनैतिक है।
जिसबर्ट के अनुसार :- नैतिकता नियमों की वह व्यवस्था है जो अच्छे बुरे से सम्बद्ध है तथा जिसका अनुभव अंतरात्मा द्वारा होता है।
नैतिकता के गुण एवं विशेषताएं
- नैतिकता सद्गुण है।
- इसका आधार पवित्रता, इमानदारी और सत्यता है।
- यह स्वैच्छिक है।
- समाज स्वीकृत है।
- यह सामाजिक अवधारणा है।
- मानव केंद्रित तथा मानवीय प्रयत्नों में निहित है।
- समय, काल तथा परिस्थिति के अनुसार गतिशील है।
इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि नैतिकता किसे कहते हैं?
मैं उम्मीद करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आई होगी तथा यह आपके लिए उपयोगी भी होगा। इसी तरह के अन्य लेख को पढ़ने के लिए पढ़ते रहिए…..RKRSTUDY.NET
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