इस लेख के माध्यम से आप पाठ्यचर्या के उद्देश्य के बारे में जानेंगे। आप जानेंगे कि पाठ्यचर्या के उद्देश्य क्या है? पाठ्यचर्या के उद्देश्य कौन-कौन से हैं? पाठ्यचर्या किस तरह से अधिगम में अपना मुख्य भूमिका को निभाता है? इन सारे बातों का आप इस लेख के माध्यम से जानेंगे, तो सबसे पहले जानते हैं कि पाठ्यचर्या का उद्देश्य क्या है?
पाठ्यचर्या के उद्देश्य क्या है?
पाठ्यचर्या का अनेकों उद्देश्य है जिसके माध्यम से पठन-पाठन के कार्य को सरल एवं सफल बनाया जा सके नीचे मैंने बहुत सारे उद्देश्य को एक-एक करके बताया हूं जिससे आपको पाठ्यचर्या के उद्देश्य को जानने मैं काफी मदद मिलेगी
पाठ्यचर्या के निम्न उद्देश्य है–
1. शिक्षा के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करना
शिक्षा के द्वारा ही मानवीय गुणों एवं क्षमताओं का विकास होता है एवं शिक्षा द्वार ही वह जीवन के लक्ष्यों को निर्धारित करता है। इन लक्ष्यों की प्राप्ति में अनेक प्रयास छात्र तथा शिक्षक द्वारा किए जाते हैं। इसी प्रकार पाठ्यचर्या एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा शिक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त किया जाता है।
2. आवश्यक एवं उपयोगी ज्ञान प्रदान करना
पाठ्यचर्या एक उद्देश्य आवश्यक तथा उपयोगी ज्ञान प्रदान करना है। उदाहरण के लिए भारत का नागरिक होने के नाते छात्र भारत की भौगोलिक स्थिति की जानकारी होना जरूरी है। इसीलिए पाठ्यचर्या मे भारत देश की भौगोलिक स्थिति को स्थान दिया जा सकता है तथा इससे संबंधित सामग्री छात्रों हेतु उपयोगी सिद्ध होगी।
3. ज्ञान को क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित रूप में प्रदान करना
पाठ्यचर्या का एक उद्देश्य ज्ञान को छात्रों तक व्यवस्थित एवं क्रमबद्ध स्वरूप मे पहुंचाना भी है। क्रमबद्ध से आशय प्रारंभिक शिक्षा मे यदि बालकों को गणना सिखाना है तो 01 से प्रारंभ करते हुए 100 तक का ज्ञान दिया जाए। उसी प्रकार भाषा सिखाते समय पहले अक्षरों से, फिर शब्दों से परिचय करवाया जाए। व्यवस्थित रूप में पाठ्यचर्या मे पाठ्यवस्तु सरल से कठिन की ओर रखी जाती है। जैसे– किस विद्वान के जीवनी मे सबसे पहले उनका जन्म स्थान, जन्म तिथि, माता-पिता का नाम आदि होगा बाद मे उनके जीवन में हो चुकी घटनाओं और अंत मे उनकी मृत्यु का विवरण दिया जाएगा।
4. पाठ्यचर्या उपलब्धि का आधार
पाठ्यचर्या एक निश्चित ज्ञान के अध्ययन हेतु शिक्षकों तथा छात्रों को दिया जाता है जिसके आधार पर ही उन्हें उपलब्धि प्राप्त होती है। इसी उपलब्धि के अनुसार ही मूल्यांकन किया जाता है। अतः पाठ्यचर्या का उद्देश्य छात्रों की उपलब्धियों का मूल्यांकन करना है।
पाठ्यचर्या के उद्देश्य को लिखें..
5. सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा करना
पाठ्यचर्या मे इस प्रकार की पाठ्यवस्तु सम्मिलित की जाती है जो समाज से संबंध रखती है जिससे बालकों मे सामाजिकता की समझ विकसित होती एवं बालक एक सामाजिक प्राणी बनता है। इस तरह से पाठ्यचर्या सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु दिशा-निर्देश देता है। अतः पाठ्यचर्या का एक उद्देश्य सामाजिक आवश्यकताओं को पूर्ण करना है।
6. संस्कृति एवं सभ्यता को हस्तान्तरिक करना
पाठ्यचर्या एक ऐसा साधन है जिससे शिक्षक बालकों को भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता से परिचित कराता है। संस्कृति एवं सभ्यता को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य भी पाठ्यचर्या की पाठ्यवस्तु के द्वारा ही किया जाता है। पाठ्यचर्या में त्यौहरों की जानकारी, त्यौहार मनाने के कारण, परम्पराओं की जानकारी, भाषा का ज्ञान, ऐतिहासिक संस्कृतियों का ज्ञान आदि तत्वों को सम्मिलित किया जाता है।
7. पर्यावरणीय जागरूकता में वृद्धि करना
वर्तमान मे पर्यावरण एक वैश्विक समस्या बन चुकी है। तेजी से बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण से आज सारी दुनिया जूझ रही है। इसीलिए बालकों, शिक्षको एवं अभिभावकों मे पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलान बहुत जरूरी हो गया है। पाठ्यचर्या के माध्यम से छात्रों को पर्यावरण प्रदूषण व उसके प्रकारों, कारणों, प्रभावों एवं प्रदूषण को कम करने के उपायों की जानकारी दी जाती है। इस प्रकार से पाठ्यचर्या का एक उद्देश्य पर्यावरण जागरूकता में वृद्धि करना भी है।
8. व्यवसायपरक पाठ्य-सामग्री प्रदान करना
पाठ्यचर्या के ही माध्यम से छात्रों को ऐसी पाठ्य-सामग्री प्रदान की जा सकती है जो कि छात्रों हेतु भविष्य मे उपयोगी हो एवं व्यवसाय के लिए एक ठोस आधार का निर्माण करे। ऐसी शिक्षा छात्रों को उनका व्यवसाय चुनने में सहायता करेगी एवं छात्रों की व्यावसायिक रूचि को भी पहचाना जा सके जिससे छात्रों को उचित निर्देशन प्राप्त होगा।
Pathyacharya ke uddesy का वर्णन करें
9. अध्यापक को स्पष्टता प्रदान करना
पाठ्यचर्या का एक मुख्य उद्देश्य अध्यापक को स्पष्टता प्रदान करना भी है। पाठ्यचर्या मे ऐसी पाठ्यवस्तु को सम्मिलित किया जाता है जो शिक्षक के लिए स्पष्ट हो एवं वह ज्ञान को छात्रों तक पहुंचाती हो। शिक्षक विभिन्न शिक्षण विधायों के माध्यम से निर्धारित पाठ्यवस्तु तथा प्रकरण को छात्रों के समक्ष प्रस्तुत करता है। इस प्रकार वह नवीनता, रोचकता एवं स्पष्टता के साथ अध्यापन करता है।
10. रूचिकर ज्ञान प्रदान करना
पाठ्यचर्या का उद्देश्य बाल-केन्द्रित शिक्षा प्रदान करना है। इसके अंतर्गत छात्रों की व्यक्तिगत एवं शैक्षिक रूचियों, योग्यताओं व क्षमताओं को दृष्टिगत रखते हुए छात्रों को शिक्षा प्रदान करना है। इससे लाभ यह है कि सर्वप्रथम तो बालक विद्यालय आने मे रूचि लेने लगेगा एवं इस प्रकार वह अपनी रूचि अनुसार ज्ञान प्राप्त करेगा।
11. सामाजिक एवं शैक्षिक समस्याओं का निवारण
पाठ्यचर्या एक उद्देश्य यह भी है कि इसके माध्यम से सामाजिक एवं शैक्षिक समस्याओं का समाधान हो सके। सामाजिक समस्याएँ, जैसे– गरीबी, अशिक्षा, जनसंख्या वृद्धि, भ्रष्टाचार, पर्यावरण क्षति आदि के विषयों से छात्रों को अवगत करवाया जा सकता है। शैक्षिक समस्या जैसे– अध्ययन में अरूचि, अपव्यय एवं अवरोधन, में कमी सामान्जस्य आदि की समस्याओं का समाधान भी विद्यालय मे ही पाठ्यचर्या की पाठ्यवस्तु के माध्यम से किया जा सकता है।
12. लोकतंत्र की स्थापना करना
पाठ्यचर्या का उद्देश्य बालको की विचारधार को लोकतन्त्रत्मक बनाना है। यही कारण है की विद्यालय मे आने वाला प्रत्येक बालक अलग-अलग वातावरण एवं परिवेश से आता है एवं उसकी विचारधारा भिन्न-भिन्न होती है। इसीलिए उसमें लोकतंत्रात्मक गुणों एवं विचारों को विकसित करने के लिए पाठ्यचर्या की पाठ्यवस्तु बहुत प्रभावी कारक है।
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13. अधिकारों एवं कर्तव्यों से परिचित करना
पाठ्यचर्या मे देश के संविधान की जानकारी व मानव अधिकारों की शिक्षा पाठ्यचर्या मे सम्मिलित की जाती है ताकि छात्रों को अपने जीवन के अधिकारों एवं कर्तव्यों की भली-भाँति जानकारी हो, जिससे वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो एवं अपने परिवार, समाज एवं देश के प्रति कर्तव्यों को पहचान सके और उनका पालन भी करें।
उपरोक्त सभी बातें पाठ्यचर्या के उद्देश्य को दर्शाता है। आपने यदि सारी बातों को अच्छे से पढ़ना होगा तो आपको पाठ्यचर्या के उद्देश्य आसानी से समझ में आ गई होगी।
आज के इस लेख में आपने जाना कि- पाठ्यचर्या के उद्देश्य क्या है?
मैं उम्मीद करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आई होगी तथा यह आपके लिए उपयोगी भी होगा। इसी तरह के अन्य लेख को पढ़ने के लिए पढ़ते रहिए…..RKRSTUDY.NET
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