आज के इस लेख में हम लोग प्रत्यय के बारे में अध्ययन करेंगे। प्रत्यय एक हिंदी व्याकरण के टॉपिक है। हम लोग आज के इस लेख में यह जानेंगे कि प्रत्यय किसे कहते हैं? प्रत्यय की परिभाषा क्या है तथा प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं? तो चलिए हम लोग जानते हैं कि प्रत्यय क्या है?

प्रत्यय किसे कहते हैं?

प्रत्यय एक शब्दांश होता है जो किसी सार्थक शब्द के पश्चात जुड़ने पर एक नया शब्द बनाता है तथा उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देता है।

जैसे :- सफल + ता = सफलता।

यहां (ता) एक शब्दांश है जो मूल शब्द (सफल) के बाद में जोड़े जाने पर नए शब्द (सफलता) की रचना करता है। इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि (ता) शब्दांश एक प्रत्यय है।

प्रत्यय की परिभाषा क्या है?

वैसा शब्दांश जो किसी सार्थक मूल शब्द के अंत में जोड़ने पर एक नए सार्थक शब्द की रचना करता है तथा नए सार्थक शब्द क्या अर्थ पहले वाले मूल शब्द के अर्थ से भिन्न होता है प्रत्यय कहलाता है।

प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं?

प्रत्यय को दो भागों में विभक्त किया गया है :-

1.कृत प्रत्यय
2.तद्धित प्रत्यय

कृत प्रत्यय किसे कहते हैं?

वे प्रत्यय जो धातु में जोड़े जाते हैं, कृत प्रत्यय कहलाते हैं। कृत प्रत्यय से बने शब्द के कृदंत शब्द कहलाते हैं।

उदाहरण :- पठ् + अक = पाठक। (यहां “अक” कृत प्रत्यय हैं एवं (पाठक) कृदंत शब्द है।

तद्धित प्रत्यय किसे कहते हैं?

वे शब्द जो धातु को छोड़कर अन्य शब्दों (संज्ञा, सर्वनाम एवं विशेषण) में जुड़ते हैं, तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
तद्धित प्रत्यय से बने शब्द तद्धितान्त शब्द कहलाते हैं।

उदाहरण :- ठाकुर + आइन = ठकुराइन।

यहां ” आइन “ तद्धित प्रत्यय है तथा “ठकुराइन” तद्धितान्त शब्द है।

आज हम लोगों ने प्रत्यय से जुड़ी लगभग सारी जानकारी को जाना। हम लोगों ने उपरोक्त लेख में जाना कि प्रत्यय क्या है, प्रत्यय की परिभाषा क्या है तथा प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं।

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