इस लेख के माध्यम से आप “प्रोजेक्ट विधि” के बारे में अध्ययन करेंगे। आप जानेंगे कि प्रोजेक्ट विधि क्या है? परियोजना विधि का अर्थ क्या है? प्रोजेक्ट विधि के जनक कौन है?.परियोजना विधि के कितने सोपान हैं?
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प्रोजेक्ट विधि क्या है? (CTET,UPTET, REET, MPTET)
प्रोजेक्ट विधि एक शिक्षण विधि है जिसमें अध्ययन एवं अध्यापन का कार्य किया जाता है।
परियोजना विधि के जनक – विलियम हेनरी किलपैट्रिक को माना जाता है।
किलपैट्रिक अमेरिका के निवासी थे। जिनका जन्म 1918 ई. में हुआ था।
विलियम हेनरी किलपैट्रिक महान मनोवैज्ञानिक जॉन डीवी के शिष्य थे।
प्रोजेक्ट / परियोजना क्या है? FOR D.El.Ed, B.ED, KVS, DSSSB Exam
किलपैट्रिक के अनुसार – परियोजना एक उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है, जिसे मन लगाकर एवं सामाजिक वातावरण में पूरा किया जाता है।
सामान्यता परियोजना दो प्रकार के होते हैं?
- व्यक्तिगत परियोजना
- सामूहिक परियोजना
व्यक्तिगत परियोजना
चार्ट बनाना, मिट्टी के खिलौने बनाना, प्रदूषण संबंधी चार्ट बनाना, पर्यावरणीय संकल्पना को चित्र के माध्यम से प्रस्तुत करना।
सामूहिक परियोजना
किसी महामारी संबंधी जानकारी एकत्रित करना, वृक्षारोपण, सफाई कार्य, प्रदूषण रोकथाम हेतु नाटक इत्यादि।
प्रोजेक्ट विधि (CTET,UPTET, REET, MPTET, KVS, B.ED)
किलपैट्रिक ने परियोजना के चार प्रकार बताएं हैं-
- अभ्यासात्मक परियोजना
- कलात्मक परियोजना
- रचनात्मक परियोजना
- समस्यात्मक परियोजना
1) अभ्यासात्मक परियोजना
अभ्यासात्माक परियोजना के अंतर्गत सत्रीय कार्य, दत्त कार्य दिया जाता है।
जिससे छात्रों के अवकाश के दिनों का सदुपयोग होता है तथा बच्चों को पढ़े हुए चीजों का अभ्यास करने का अवसर मिलता है।
2) कलात्मक परियोजना
इस प्रकार के प्रोजेक्ट का प्रयोग बच्चों में कलाओं के विकास के लिए किया जाता है।
जैसे :- नृत्य कला, अभिनय कला, कविता, चित्रकला, संगीत, नाटक इत्यादि।
3 ) रचनात्मक परियोजना
इसमें छात्रों को वैसे परियोजना कार्य दिया जाता है जिससे छात्र में रचनात्मक कौशल विकसित होते हैं एवं छात्र सृजनशील बनते हैं।
जैसे :- मिट्टी के सामग्री बनाना, चार्ट एवं चित्र बनाना, किसी पर्यावरणीय मुद्दे को चित्र के द्वारा व्यक्त करना इत्यादि।
परियोजना का यह प्रकार सबसे उत्तम प्रकार है।
4) समस्यात्मक परियोजना
इसके अंतर्गत छात्रों को सामाजिक समस्या से अवगत कराया जाता है तथा उसमें दूर करने की कौशल का विकास किया जाता है।
जैसे :- भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्य, आपदा संबंधी सामूहिक कार्य, फसलों की पैदावार कैसे बढ़ाया जाए?
परियोजना विधि के सोपान (For CTET, UPTET, REET, KVS, DSSSB exams)
प्रोजेक्ट विधि के कुल 6 सोपान होते हैं –
- परिस्थिति उत्पन्न करना
- परियोजना का चयन करना
- परियोजना का रूपरेखा बनाना
- क्रियान्वयन
- मूल्यांकन
- लेखा जोखा प्रस्तुत करना/प्रतिवेदन
प्रोजेक्ट विधि के गुण एवं विशेषता (For CTET, UPTET, REET, KVS, DSSSB exams)
- प्रोजेक्ट विधि बाल-केंद्रित शिक्षण विधि है।
- इस विधि में छात्र हमेशा सक्रिय रहते हैं।
- परियोजना विधि में किताबी ज्ञान को बालक के व्यवहारिक ज्ञान से जोड़ा जाता है।
- प्रोजेक्ट विधि व्यक्तिगत एवं सामूहिक दोनों माध्यम से किया जाता है।
- इस विधि के माध्यम से छात्र में योजना बनाना, उसे क्रियान्वित करना एवं मूल्यांकन जैसे कौशलों का विकास होता है।
- इस विधि से छात्र सृजनशील बनते हैं।
- प्रोजेक्ट विधि हस्तकलाओं के विकास में उपयोगी है।
- परियोजना विधि से बच्चों में सामूहिक कार्य करने के गुणों का विकास होता है।
इस लेख के माध्यम से आपने प्रोजेक्ट विधि के बारे में अध्ययन किया।
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