सामाजिक बुराइयाँ क्या है? बाल-विवाह, बाल-श्रम, दहेज-प्रथा, चोरी, नशाखोरी, धूम्रपान For TET: शिक्षक पात्रता परीक्षा में सामाजिक बुराइयों से प्रश्न पूछे जाती है। इसीलिए हम लोग आज सामाजिक बुराइयाँ से जुड़ी प्रत्येक पहलू का विस्तृत रूप से अध्ययन करेंगे। तो चलिए हम लोग जानते हैं कि सामाजिक बुराइयां क्या है?सामाजिक बुराइयाँ क्या है? बाल-विवाह, बाल-श्रम, दहेज-प्रथा, चोरी, नशाखोरी, धूम्रपान For TET

सामाजिक बुराइयाँ किसे कहते हैं?

किसी भी समाज के लोगों के द्वारा किए जाने वाले वह कार्य जो सामाजिक नियम के विरुद्ध हो सामाजिक बुराइयां कहलाता है।

सामाजिक बुराइयाँ कई प्रकार की होती है जो निम्नलिखित है:-

बाल श्रम
बाल विवाह
दहेज प्रथा
चोरी
नशाखोरी/धूम्रपान

बाल श्रम किसे कहते हैं?

साधारण शब्दों में कहा जाए तो बालकों के द्वारा कार्य करवाना बाल श्रम कहलाता है।
परंतु अब सवाल ये है कि किस उम्र के बालक से काम करवाना बाल श्रम में आता है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 24 के अनुसार:- 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को गाड़ी पर लगाना निषेध है। इस उम्र के बच्चे बाल श्रम में आते हैं।

कारखाना अधिनियम 1948 ने बाल श्रम की उम्र 15 वर्ष से कम बताई है।

खान अधिनियम 1952 के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को खान एवं उद्योग में काम पर नहीं रख सकते हैं। इस उम्र के बच्चे बाल श्रमिक में आते हैं।

अपवाद :-

कोई भी बालक जिसकी आयु 14 वर्ष से कम है वह विद्यालय के बाद अपने घर की व्यवसाय के कार्य पर जा सकता है उसे बाल श्रम नहीं माना जाता है।

बाल-श्रम के कारण:-

➠जनसंख्या में वृद्धि होना।
➠बेरोजगारी का होना।
➠गरीबी।
➠सरकार के द्वारा बनाई गई कानूनों का पालन नहीं होना।

बाल-विवाह क्या है?

सरकार के द्वारा निर्धारित की गई उम्र से कम उम्र में शादी करना बाल विवाह कहलाता है।

शादी के लिए सरकार ने लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के का उम्र 21 वर्ष निर्धारित किया है। इससे पहले अगर शादी की जाती है तो वह बाल विवाह के अंतर्गत आता है।

भारत में सबसे अधिक बाल विवाह वाला राज्य बिहार है। वहीं सबसे कम बाल विवाह वाला राज्य हिमाचल प्रदेश है।

राजस्थान में “अक्षय तृतीया” और “पीपल पूर्णिमा” के दिन सैकड़ों बच्चे बाल विवाह के बंधन में बंध जाते हैं जिसे “अबूझ साव” कहते हैं।

दहेज-प्रथा क्या है?

दहेज वह धन होता है जो विवाह में वधू पक्ष के द्वारा वर पक्ष को दी जाती है। दहेज देने की इसी प्रथा को दहेज प्रथा कहते हैं।
सरकार ने कानून बनाई है जिसमें दहेज लेना और देना दोनों अपराध है। पकड़े जाने पर दोनों पक्षों को सजा देने के प्रावधान बनाई है।

चोरी क्या है?

किसी व्यक्ति के द्वारा किसी अन्य व्यक्ति के संपत्ति को उसके सहमति के बिना गैरकानूनी रूप से लेना चोरी कहलाता है।

चोरी करने के कारण

किसी भी कार्य करने का कोई ना कोई कारण होता है। इसी प्रकार से चोरी का मुख्य कारण गरीबी हो सकता है। जब कोई व्यक्ति अपनी जरूरतों के सामान को पूरा करने में असफल होता है तब वह चोरी का रास्ता अपनाता है।

नशाखोरी/धूम्रपान क्या है?

जब कोई बालक या व्यक्ति किसी नशीले पदार्थ का सेवन करता है। तो उस बालक या व्यक्ति को नशाखोरी के अंदर रखते हैं।
जैसे:- तंबाकू, शराब, सिगरेट, भांग, गांजा इत्यादि पदार्थों का सेवन करना धूम्रपान कहलाता है।

आज की इस लेख में हम लोगों ने सामाजिक बुराइयाँ के बारे में अध्ययन किया। हम लोगों ने जाना कि सामाजिक बुराइयाँ क्या है? बाल विवाह, बाल श्रम, दहेज प्रथा, चोरी, नशाखोरी, धूम्रपान इत्यादि टॉपिक से जो सामाजिक बुराइयां से जुड़ी हुई थी सबों के बारे में अध्ययन किया।

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