इस लेख के माध्यम से आप “समानता (Equality)” के बारे में अध्ययन करेंगे। आप जानेंगे कि – समानता किसे कहते हैं? समानता का अर्थ क्या है? समानता का परिभाषा क्या है? समानता की आवश्यकता एवं उद्देश्य क्या है?
समानता किसे कहते हैं?
समानता किसे कहते हैं? समानता का अर्थ, परिभाषा, आवश्यकता एवं उद्देश्य
समानता (Equality) का तात्पर्य अवसर की समानता से है।
समानता का मतलब यह नहीं है कि प्रत्येक व्यक्ति हर प्रकार से समान हो।
समानता की परिभाषा
वार्कर के अनुसार :- समानता का अधिकार का अर्थ क्या है कि अधिकारों के रूप में जो सुविधाएं मुझे उपलब्ध है वही सुविधाएं उसी रूप में दूसरे को प्राप्त होगी तथा जो अधिकार दूसरों को प्रदान किए गए हैं वह मुझे भी प्राप्त होंगे।
लॉस्की के अनुसार :- नागरिक होने के नाते जो अधिकार अन्य व्यक्तियों को मिले हैं उसी रूप में तथा उसी सीमा तक वह अधिकार मुझे भी मिलना चाहिए।
समानता अनेकों प्रकार के होते हैं :-
- सामाजिक समानता
- नागरिक समानता
- राजनीतिक समानता
- सांस्कृतिक समानता
- शिक्षा में समानता इत्यादि।
समानता की आवश्यकता एवं उद्देश्य
- सभी वर्गों के लोगों का सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा में समानता होना आवश्यकता है।
- लोकतंत्र के लिए समानता अनिवार्य है।
- देश के आर्थिक विकास के लिए समानता आवश्यक है।
- आधुनिकीकरण के लिए समानता जरूरी है।
- सभी मानव को उसका अधिकार मिल सके इसके लिए समानता जरूरी है।
- कल्याणकारी समाज के निर्माण हेतु समानता जरूरी है।
इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि असमानता (Inequality) किसे कहते हैं?
मैं उम्मीद करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आई होगी तथा यह आपके लिए उपयोगी भी होगा। इसी तरह के अन्य लेख को पढ़ने के लिए पढ़ते रहिए…..RKRSTUDY.NET
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