संवेग (Emotion) किसे कहते हैं?
अंग्रेजी भाषा के शब्द Emotion का हिंदी रूपांतरण है। इस शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के इमोवेयर शब्द से हुई है जिसका अर्थ है उत्तेजित होना ।
इस प्रकार से संवेग को व्यक्ति की उत्तेजित दशा कहते हैं। इस प्रकार से संवेग शरीर को उत्तेजित करने वाली एक प्रक्रिया है।
संवेग (Emotion) किसे कहते हैं?
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मनुष्य अपने दैनिक जीवन में प्रत्येक दिन की जिंदगी में सुख, दुख , क्रोध, प्रेम, घृणा ,आदि का अनुभव करता है। मनुष्य ऐसा व्यवहार किसी उत्तेजना की अवस्था में करता है यह अवस्था संवेग कहलाती है।
वुडवर्ड के अनुसार, ” संवेग व्यक्ति की उत्तेजित दशा है”
ड्रवर के अनुसार,” संवेग प्राणी के एक जटिल दशा है जिसमें शारीरिक परिवर्तन भावना के कारण उत्तेजित दशा और एक निश्चित प्रकार का व्यवहार करने की आवृत्ति निहित रहती है।
जे एस रॉस के अनुसार,” संवेग चेतना की वह अवस्था है जिसमें रागात्मक तत्व की प्रधानता रहती है।
संवेग की प्रकृति
हममें से प्रत्येक व्यक्ति अपने अच्छे और बुरे अनुभवों के प्रति दृढ़ का अनुभव करता है। संवेग का उदाहरण है- खुश होना, दुखी होना, उदास होना, शर्मिंदा होना आदि प्रतिदिन की जीवन को प्रभावित करता है।
संवेग (Emotion) किसे कहते हैं?
संवेग के प्रकार
मैक्डूगल के अनुसार संवेग का संबंध मूल प्रवृत्तियों से होता है।
मैक्डूगल के अनुसार संवेग के 14 प्रकार
मूल प्रवृत्तियां(Fundamental Trend) | संवेग(Emotional) |
पलायन (Escape) | भय (fear) |
युयुत्सा (combat) | क्रोध (Anger) |
निवृत्ति (repulsion) | घृणा (Disgust) |
जिज्ञासा (curiosity) | आश्चर्य (Wonder) |
शिशुरक्षा (parental) | वात्सल्य love) |
शरणागति (apeal) | विषाद (Distress) |
रचनात्मक (construction) | संरचनात्मक भावना (feeling of creativeness) |
संचय प्रवृत्ति (Acquisition) | स्वामित्व की भावना (feeling of ownership) |
सामूहिकता (Gregariousness) | एकाकीपन (feeling of loneliness) |
काम (sex) | कामुकता (lust) |
आत्म गौरव (self assertion) | श्रेष्ठता की भावना (positive self feeling) |
दैन्य (submission) | आत्महीनता (negative self feeling) |
भोजन- अन्वेषण (food seeking) | भूख (appetite) |
हास (laughter) | आमोद (Amusement) |
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