संश्लेषण विधि क्या है? परिभाषा,महत्व, गुण एवं दोष
आज हमलोग शिक्षण सूत्र के अंतर्गत आने वाले संश्लेषण विधि के बारे में अध्ययन करेंगे तथा जानेंगे कि संश्लेषण विधि क्या है? संश्लेषण विधि के गुण,दोष अर्थ एवं परिभाषा क्या है? तो चलिए हम लोग जानते हैं कि संश्लेषण विधि किसे कहते हैं?
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➤ Topic
- संश्लेषण विधि(Synthesis Method) क्या है?
- संश्लेषण विधि(Synthesis Method) का अर्थ एवं महत्व क्या है?
- संश्लेषण विधि(Synthesis Method) का गुण एवं दोष क्या है?
➤ संश्लेषण विधि क्या है?
संश्लेषण विधि (Synthesis Method) एक शिक्षण विधि है। इस विधि में ज्ञात से अज्ञात की ओर जाते हैं। अर्थात पहले से ज्ञात तथ्य एवं सूत्रों की सहायता से नए तथ्यों या समस्या के हल करने की शिक्षण विधि को संश्लेषण विधि करते हैं। इस विधि में समस्या के हल करने की विधि पहले से मालूम रहता है और ज्ञात विधि के आधार पर समस्या का हल निकालते हैं।
संश्लेषण विधि ज्ञात से अज्ञात सूत्रों के आधार पर काम करता है।
➤ संश्लेषण विधि के गुण तथा लाभ
- यह विधि बहुत ही सरल विधि होती है जो मंद बुद्धि छात्रों के लिए काफी उपयोगी है।
- इस विधि को सीखने तथा इस विधि के द्वारा समस्या के हल तक पहुंचने ने काफी कम समय लगता है।
- संश्लेषण विधि प्राथमिक कक्षाओं के लिए काफी उपयोगी विधि है।
➤ संश्लेषण विधि के दोष तथा हानि
- इस विधि से छात्रों में तर्क तथा निर्णय सक्ति का विकास नहीं हो पाता है।
- संश्लेषण विधि बालकों को खोज करने का अवसर नहीं प्रदान करता है।
- प्रतिभाशाली बालकों के लिए यह विधि नुकसानदायक है।
- मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि इस विधि को प्राथमिक स्तर की कक्षा तक ही सीमित रखना चाहिए।
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