आज के इस लेख में हम लोग शिक्षा दर्शन (Shiksha Darshan)के बारे में अध्ययन करेंगे। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि शिक्षा दर्शन क्या है? शिक्षा दर्शन का अर्थ क्या है? शिक्षा दर्शन की परिभाषा क्या है? तो चलिए सबसे पहले हम लोग यह जानने का प्रयास करते हैं कि – शिक्षा दर्शन किसे कहते हैं?
शिक्षा दर्शन क्या है?
‘‘शिक्षा दर्शन शिक्षाशास्त्र की वह शाखा है जिसमें शिक्षा के सम्प्रत्ययों, शिक्षा केउद्देश्यों, शिक्षा के पाठ्यक्रम, शिक्षा के शिक्षण विधियों एवं शिक्षा सम्बंधी अन्य समस्याओं के संदर्भ में विभिन्न दार्शनिकों एवं दार्शनिक सम्प्रदायों के विचारों का आलोचनात्मक अध्ययन किया जाता है।’’
शिक्षा दर्शन का अर्थ
साधारण अर्थ में शिक्षा पद्धति दर्शन की ही एक शाखा होती है जिसमें दार्शनिक सिद्धान्तों का प्रयोग शिक्षा के सम्बंध में होता है। शिक्षा दर्शन शिक्षा से संबंधित विचारों पर विचार करता है और उनके समाधान के लिये दार्शनिक अर्थात् चिन्तनपूर्ण एवं निर्णयात्मक दृष्टि से प्रयत्न करता है।
कनिंघम महोदय ने शिक्षा दर्शन एवं दर्शन को साथ-साथ रखकर विचार प्रकट किया है। कनिंघम के अनुसार- शुद्ध दर्शन की परिभाषा से हम शिक्षा दर्शन की परिभाषा को समझ सकते हैं। प्रथम दर्शन सभी वस्तुओं का विज्ञान है। इसीलिए शिक्षा दर्शन शिक्षा की समस्याओं को मुख्य बिन्दुओं से देखता है।
शिक्षा दर्शन का अर्थ कि अगर हम बात करें तो शिक्षा दर्शन शास्त्र की एक शाखा है इसका जन्म शिक्षा व दर्शन के आपसी संबंध के आधार पर हुआ है। दर्शन जीवन की प्रत्येक समस्या के साथ जुड़ा हुआ है। इसी अर्थ को हम शिक्षा के संदर्भ में प्रयोग करते हुए यह कह सकते हैं कि- जब शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली समस्याओं पर तर्कपूर्ण ढंग से विचार किया जाता है। जिससे इनके संबंध में निश्चित निष्कर्ष तक पहुंचा जा सके उसे शिक्षा दर्शन करते हैं।
शिक्षा दर्शन की परिभाषा
हेंडरसन के अनुसार- शिक्षा की समस्याओं के अध्ययन में दर्शन का प्रयोग ही शिक्षा दर्शन कहलाता है।
कुछ विद्वानों के अनुसार- दर्शन ने मौलिक सिद्धान्तों की खोज होती है और उन सिद्धान्तों को शिक्षा में व्यवहार किया जाता है। इस प्रकार शिक्षा दर्शन में दार्शनिक सिद्धान्तों का शिक्षा के क्षेत्र में व्यवहार किस प्रकार होता है और होना चाहिये इसे बताया जाता है।
कुछ विचारक शिक्षा को ही मुख्य मानते हैं- और उनके अनुसार दर्शन तो शिक्षा का सामान्य सिद्धान्त है। कुछ विचारक यह मानते हैं कि ‘‘दर्शन सभी वस्तुओं को उनके अन्तिम तर्कों एवं कारणों के जरिये जानने का विज्ञान है।’’
इस लेख में आपने शिक्षा दर्शन के बारे में अध्ययन किया। आपने जाना कि शिक्षा दर्शन क्या है?
मैं उम्मीद करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आई होगी तथा यह आपके लिए उपयोगी भी होगा। इसी तरह के अन्य लेख को पढ़ने के लिए पढ़ते रहिए…..RKRSTUDY.NET
CTET Preparation Group | ![]() |