इस लेख के माध्यम से आप “शिक्षा का सार्वभौमीकरण (Universalization of Education) के बारे में अध्ययन करेंगे। आप जानेंगे कि – सार्वभौमीकरण किसे कहते हैं? सार्वभौमीकरण का अर्थ क्या है? सार्वभौमीकरण की परिभाषा क्या है? शिक्षा का सार्वभौमीकरण के लाभ और शिक्षा का सार्वभौमीकरण के हानि क्या है? Universalization of Education

शिक्षा का सार्वभौमीकरण (Universalization of Education)

सार्वभौमीकरण क्या है?

सार्वभौमीकरण का अर्थ होता है – सब को उपलब्ध कराना

शिक्षा में सार्वभौमिकरण का तात्पर्य – प्रत्येक व्यक्ति तक शिक्षा को पहुंचाना है।

शिक्षा का सार्वभौमीकरण का परिभाषा

शिक्षा के सार्वभौमीकरण का तात्पर्य वैसे शिक्षा प्रणाली से है जिसमें जाति, वर्ग, रंग, धर्म, लिंग इत्यादि में भिन्नता होने के बावजूद भी सबके लिए शैक्षिक अवसर उपलब्ध कराना है।

प्रत्येक व्यक्ति तक शिक्षा को पहुंचाने में अनेकों प्रकार की समस्याएं देखने को मिलती है जिस को दूर करके शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जा सकता है।

विद्यालय का बहुत दूरी पर होना :-

अगर प्राथमिक विद्यालय 1 किलोमीटर से अधिक दूरी पर होती है तो फिर छोटे बच्चों को स्कूल जाने में काफी समस्या आती है जिसके कारण उन्हें स्कूल को छोड़ते हुए देखा जाता है।

विलंब से नामांकन कराना :-

बहुत से ऐसे बच्चे होते हैं जिन का नामांकन 6 वर्ष के वस्था में नहीं होकर 10 से 11 वर्ष में होती है। जिससे उनका शिक्षा काफी पिछड़ जाता है।

शिक्षा बीच में ही छोड़ना

छात्र विद्यालय तो आते हैं परंतु कई कारणवश हुए पढ़ाई को बीच में ही छोड़ देते हैं। जिससे अपव्यय को बढ़ावा मिलता है।

शिक्षकों की कमी

विद्यालय में शिक्षा देने का काम शिक्षकों का होता है। ऐसे में अगर विद्यालय में शिक्षक ही नहीं रहेंगे फिर बच्चे का शिक्षण का कार्य कैसे संपन्न होगा?

पाठ्यक्रम का दूषित होना

पाठ्यक्रम के दूषित होने से तात्पर्य यह है कि पाठ्यक्रम बच्चे के क्षमता, उसके योग्यता के अनुसार नहीं होना। जब बच्चे के योग्यता के अनुसार पाठ्यक्रम नहीं रहेंगे तो वह चीजों को आसानी से समझ नहीं पाएगा और ऐसे बच्चे अक्सर बीच में ही शिक्षा छोड़ते हुए नजर आते हैं।

शिक्षा शासक संबंधी कठिनाई

विद्यालय का विकास एवं शिक्षण में उपयुक्त सामग्री का प्रबंधन करना शिक्षा शासक का काम होता है। अगर वह इन सारे कामों को नहीं करते हैं तो इससे भी बच्चों का शिक्षा प्रभावित होता है।

शिक्षा के सार्वभौमीकरण का उद्देश्य

  • शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाना।
  • निरक्षरता को खत्म करना।
  • बच्चों का शारीरिक, बौद्धिक एवं मानसिक विकास कराना।
  • बच्चों में नैतिक एवं चारित्रिक गुणों का विकास कराना।
  • बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना।
  • बच्चों में व्यक्तित्व का विकास करना।
  • लोकतंत्र को सफल बनाना।

इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि “शिक्षा का सार्वभौमीकरण
(Privatization of education)”
 किसे कहते हैं?

मैं उम्मीद करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आई होगी तथा यह आपके लिए उपयोगी भी होगा। इसी तरह के अन्य लेख को पढ़ने के लिए पढ़ते रहिए…..RKRSTUDY.NET

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