इस लेख के माध्यम से आप शिक्षा के व्यापक अर्थ एवं संकुचित अर्थ के बारे में अध्ययन करेंगे। आप जानेंगे कि शिक्षा का व्यापक अर्थ क्या है तथा शिक्षा का संकुचित अर्थ क्या है?
शिक्षा का व्यापक अर्थ क्या है?
शिक्षा के व्यापक अर्थ के अनुसार यह सारा संसार एक शिक्षा का क्षेत्र है। प्रत्येक व्यक्ति, बाल, युवा, वृद्ध, स्त्री, पुरुष सभी शिक्षार्थी हैं।
यह सभी लोग जीवन पर्यंत कुछ ना कुछ सीखते रहते हैं। हर व्यक्ति का सारा जीवन काल उसका शिक्षा काल है।
प्रत्येक व्यक्ति यहां स्वयं दूसरों से कुछ सीखता है। वह दूसरों को भी कुछ ना कुछ शिक्षा देता है। जीवन की छोटी-छोटी घटनाएं भी हमको शिक्षा देती रहती है। इस प्रकार शिक्षा प्राप्त करने तथा प्राप्त करने का कोई निश्चित स्थान नहीं है। शिक्षा व्यापक अर्थ में घर, बाजार, स्कूल तथा खेलकूद के मैदान इत्यादि समस्त स्थानों पर प्राप्त होती रहती है।
शिक्षा के व्यापक अर्थ कौन स्पष्टीकरण निम्न परिभाषाएं के द्वारा किया जा सकता है:-
जेएल मैकेंजी के अनुसार:- व्यापक अर्थ में शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जो आजीवन चलती रहती है और जीवन के प्रायः प्रत्येक अनुभव से उसके भंडार में वृद्धि होती है।
मार्क हापकिंस के अनुसार- अपने अति व्यापक अर्थ में शिक्षा में वे सभी बातें आ जाती है जो निर्माण कार्य प्रभाव डालती है।
स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि- यदि कोई मनुष्य कुछ परीक्षाएं पास कर सकता है और अच्छे व्याख्यान दे सकता है तो आप उसको शिक्षित समझते हैं? क्या वह शिक्षा, शिक्षा कहलाने योग्य है? जो सामान्य जन समूह को जीवन के संघर्ष के लिए अपने आपको तैयार करने में सहायता नहीं देती और उसमें शेर जैसा साहस उत्पन्न नहीं करती है।
शिक्षा के व्यापक अर्थ में नीचे लिखे शिक्षा के सभी रूपों का समावेशन होता है:-
- औपचारिक शिक्षा
- अनौपचारिक शिक्षा
- प्रत्यक्ष शिक्षा
- अप्रत्यक्ष शिक्षा
- वैयक्तिक शिक्षा
- सामूहिक शिक्षा
- सामान्य शिक्षा
- विशिष्ट शिक्षा
शिक्षा का संकुचित अर्थ क्या है?
कुछ मनोवैज्ञानिक का विचार है कि शिक्षा केवल शिक्षण संस्थानों में ही दी जाती है। यह शिक्षा एक निश्चित समय या उम्र से प्रारंभ होती है और एक निश्चित उम्र पर जाकर समाप्त हो जाती है। शिक्षा का एक विशेष प्रकार का पाठ्यक्रम होता है।
जेएस मैकेंजी के अनुसार:- संकुचित अर्थ में शिक्षा का अभिप्राय हमारी शक्तियों के विकास और उन्नति के लिए चेतना पूर्वक किए गए किसी भी प्रयास से हो सकता है।
प्रो. ड्रीवर के अनुसार :- शिक्षा एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा बालक के ज्ञान चरित्र तथा व्यवहार को एक विशेष ढांचे में डाला जाता है।
जी.एच. थॉमसन के अनुसार:- शिक्षा एक विशेष प्रकार का वातावरण है जिसका प्रभाव बालक के चिंतन दृष्टिकोण तथा व्यवहार करने की आदतों पर अस्थाई रूप से परिवर्तन करने के लिए डाला जाता है।
आपने आज किस लेख में शिक्षा के व्यापक एवं संकुचित अर्थ के बारे में अध्ययन किया।
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