सूक्ष्म शिक्षण क्या है? सूक्ष्म शिक्षण की परिभाषा, सूक्ष्म शिक्षण चक्र अवधि, सूक्ष्म शिक्षण की विशेषताएं एवं गुण कौन-कौन से है?
सूक्ष्म शिक्षण क्या है?
सूक्ष्म शिक्षण (Micro Teaching) एक प्रशिक्षण प्रणाली है जिसमें भावी शिक्षक को बालको को किस प्रकार से पढ़ाया जाता है इसकी प्रशिक्षण दिया जाता है। इस विधि से भावी शिक्षक में शिक्षण दक्षता विकसित होती है।
Q. सूक्ष्म शिक्षण के जनक/पिता (Father of Micro Teaching) कौन हैं?
Ans.- सूक्ष्म शिक्षण के जनक डी. एलेन महोदय को माना जाता है।
➠ सूक्ष्म शिक्षण का नामकरण डी एलेन महोदय ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय अमेरिका में किया।
➠ सूक्ष्म शिक्षण विद्यालय का एक लघु रूप होता है।
➠ सूक्ष्म शिक्षण कक्षा का आकार छोटा होता है जिसमें 5 से 10 विद्यार्थी को रखा जाता है।
सूक्ष्म शिक्षण की परिभाषा
➠ बी. एम. शोर के अनुसार- सूक्ष्म शिक्षण कम अवधि, कम छात्रों तथा कम शिक्षण क्रियाओं वाली प्रविधि है।
➠ बी. के. पासी के अनुसार- सूक्ष्म शिक्षण एक प्रशिक्षण तकनीक है जो छात्र अध्यापकों से यह अपेक्षा रखती है कि वह किसी तथ्य को थोड़े से छात्रों को कम समय में किसी विशिष्ट शिक्षण कौशलों के माध्यम से शिक्षण दें।
➠ डी. एलेन महोदय के अनुसार- सूक्ष्म शिक्षण समस्त शिक्षण को लघु क्रियाओं में बाटना है।
➠ स्टोन्स के अनुसार- अभ्यास की एक विधि है जिसमें अधिक नियंत्रण, रायचूर विश्लेषण और नई प्रणाली का प्रयोग किया जाता है, उसे सूक्ष्म शिक्षण कहते हैं।