इस लेख के माध्यम से आप “वाइगोत्सकी का सामजिक सांस्कृतिक सिद्धांत” के बारे में अध्ययन करेंगे। आप जानेंगे कि – वाइगोत्सकी का सामजिक सांस्कृतिक सिद्धांत किसे कहते हैं? वाइगोत्सकी का सिद्धांत क्या है? लेव वाइगोत्सकी का सिद्धांत क्या है? lev vygotsky sociocultural theory

वाइगोत्सकी का सामजिक सांस्कृतिक सिद्धांत

वाइगोत्सकी का सामजिक सांस्कृतिक सिद्धांत

  • लेव वाइगोत्सकी रूस के एक मनोवैज्ञानिक थे।
  • उन्होंने सामजिक सांस्कृतिक सिद्धांत (Social Cultural Theory) का प्रतिपादन किया।
  • लेव वाइगोत्सकी के का सामाजिक सांस्कृतिक सिद्धांत बालक के संज्ञानात्मक विकास पर आधारित है
  • लेव वाइगोत्सकी इस सिद्धांत में बताते हैं कि बालक अपने समाज से अन्तः क्रिया (Interaction) करके सीखता है।
  • उनका मानना था कि सामाजिक अन्तः क्रिया के बाद बालक का विकास होता है।
  • लेव वाइगोत्सकी अपने इस सिद्धांत के अनुसार बताते हैं कि बालक का संज्ञानात्मक विकास एक सामाजिक परिस्थिति में संपन्न होता है।
  • समाज में बालक के लिए जैसी सुविधाएं उपलब्ध होगी उसका विकास भी उसी तरह का होगा

ZPD क्या है?

वास्तविक विकास के स्तर और संभावित विकास के स्तर के बीच का स्तर को समीपस्थ विकस का क्षेत्र (Zone of proximal development) कहा जाता है

लेव वाइगोत्सकी कुछ प्रमुख विचार

लेव वाइगोत्सकी कहते हैं कि बच्चों में भाषा और चिंतन दोनों पहले अलग-अलग रूप से विकसित होते हैं और बाद में दोनों आपस में मिल जाते हैं।

बालक के संज्ञानात्मक विकास में समाज और संस्कृति एक महत्वपूर्ण कारक है।

बालक का संज्ञानात्मक विकास सामाजिक क्रियाओं के अंतःकरण के आधार पर होता है।

इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि “वाइगोत्सकी का सामजिक सांस्कृतिक सिद्धांत” किसे कहते हैं?

मैं उम्मीद करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आई होगी तथा यह आपके लिए उपयोगी भी होगा। इसी तरह के अन्य लेख को पढ़ने के लिए पढ़ते रहिए…..RKRSTUDY.NET

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