आज के इस लेख में आप विद्यालय के औपचारिक एवं अनौपचारिक कार्य के बारे में अध्ययन करेंगे। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि विद्यालय के औपचारिक कार्य क्या है तथा विद्यालय के अनौपचारिक कार्य क्या है? तो चलिए हम लोग विद्यालय के औपचारिक कार्य तथा अनौपचारिक कार्य के बारे में अध्ययन करते हैं।
विद्यालय के औपचारिक एवं अनौपचारिक कार्य क्या है?
विद्यालय के कार्यों को आमतौर पर दो भागों में बांटा गया है:-
1. औपचारिक कार्य
2. अनौपचारिक कार्य
विद्यालय के औपचारिक कार्य
विद्यालय के औपचारिक कार्य के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य आते हैं:-
- चरित्र निर्माण तथा आध्यात्मिकता स्वतंत्रता का प्रशिक्षण देना।
- अतीत की संस्कृति विरासत को सुरक्षित रखना और उसे अधिक मूल्यवान बनाकर आगे आने वाली पीढ़ी को हस्तांतरित करना।
- छात्रों में सोचने और निर्णय लेने की शक्तियों का विकास कराना, जिससे वे अपने समझने और कार्य करने के लिए प्रयोग कर सकें।
- छात्रों के नेतृत्व के गुणों का विकास कराना, जिससे भी प्रजातंत्र के अच्छे नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को कुशलतापूर्वक कर सके।
- छात्रों को ऐसा प्रशिक्षण देना जिससे वे समाज तथा अन्य व्यक्तियों पर भार बने बिना सम्मान पूर्ण ढंग से अपनी जीविका की समस्या को हल कर सके।
- छात्रों को ऐसा लाभप्रद ज्ञान देना जिससे वे संतुलित मस्तिष्क का विकास कर सके। ऐसे मस्तिष्क वाला व्यक्ति विभिन्न परिस्थितियों से सूझ-बूझ वाला और साहसी होता है। साथ ही वह अज्ञान भविष्य के मूल्यों का निर्माण कर सकता है।
- विभिन्न प्रकार के विकासात्मक कार्यों द्वारा छात्रों के व्यक्तित्व का पूर्ण विकास कराना।
- विद्यालय द्वारा ऐसे क्रियाकलापों का आयोजन करना जिससे छात्रों में नागरिकता की भावना, देश-प्रेम, राष्ट्रीयता, एकता तथा अंतर्राष्ट्रीयता के प्रति स्वस्थ दृष्टिकोण का विकास हो सके।
- अवकाश के समय का सदुपयोग सिखाना।
विद्यालय के अनौपचारिक कार्य
विद्यालय के अनौपचारिक कार्य के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य आते हैं:-
- समाज सेवा सामाजिक उत्सवों का आयोजन कर के छात्रों को सामाजिक प्रशिक्षण देना।
- सक्रिय वातावरण का निर्माण करके छात्रों की रुचि कर और रचनात्मक क्रियाओं को प्रोत्साहित करना।
- खेलकूद स्काउटिंग सैनिक शिक्षा स्वास्थ्य कार्य आदि की व्यवस्था करके छात्रों को शारीरिक प्रशिक्षण देना।
- वाद-विवाद प्रतियोगिताओं चित्रकला प्रदर्शनी संगीत सम्मेलन और नाटक का प्रबंध कर के बालक और बालिकाओं को भावात्मक प्रशिक्षण देना।
आज के इस लेख के माध्यम से आपने विद्यालय के औपचारिक कार्य एवं अनौपचारिक कार्य के बारे में अध्ययन किया।
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