इस लेख के माध्यम से आप विद्यालय की विशेषताएं कौन-कौन से होती है तथा विद्यालय के उद्देश्य क्या सब हैं? इन सब बातों के बारे में अध्ययन करेंगे। इन सारी चीजों को जानने से पहले हम लोग जानते हैं विद्यालय की विशेषताएं एवं विद्यालय की उद्देश्य क्या है?
विद्यालय किसे कहते हैं?
विद्यालय एक हिंदी शब्द है जो दो शब्दों से मिलकर बना है- विद्या और आलय।
विद्या का अर्थ विद्या या ज्ञान होता है। वहीं दूसरा शब्द आलय का अर्थ घर होता है।
यानी कि हम कह सकते हैं कि विद्या के घर को विद्यालय कहा जाता है।
वैसा संस्थान जहां बालक के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं नैतिक गुणों का विकास कराया जाता है विद्यालय कहलाता है।
विद्यालय की विशेषताएं एवं विद्यालय की उद्देश्य क्या है?
- विद्यालय समाज का एक लघु रूप होता है, जिसके अंतर्गत सामाजिक क्रियाएं कराई जाती है जिसमें सभी छात्र एवं छात्राएं भाग लेते हैं।
- विद्यालय एक विशिष्ट वातावरण है जिसमें बालकों के सभी प्रकार के विकास एवं उसके विशिष्ट गुणों क्रियाओं तथा व्यवस्थाओं की व्यवस्था कि विकास कराई जाती है।
- विद्यालय को सामुदायिक जीवन का केंद्र बिंदु होना चाहिए।
- बालकों के भावी जीवन की तैयारी के लिए विद्यालय को स्थापित किया जाता है।
- विद्यालय वह संस्थान है जहां संसार की महान एवं महत्वपूर्ण क्रियाओं को स्थान दिया जाता है।
- विद्यालय का वातावरण विशिष्ट रंग का होता है। विद्यालय का वातावरण छात्र अध्यापक पाठ्यक्रम पुस्तकालय प्रयोगशाला संग्रहालय क्रीडा स्थल आदि के कारण विशेष रूप का होता है।
- विद्यालय शिक्षा का औपचारिक सक्रिय अभिकरण है। इसके सदस्यों मे परस्पर क्रिया चलती रहती है।
- विद्यालय को सामुदायिक जीवन का केन्द्र-बिन्दु होना चाहिए।
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