आज हमलोग शिक्षण सूत्र के अंतर्गत आने वाले विश्लेषण विधि(Analysis method)के बारे में अध्ययन करेंगे तथा जानेंगे कि विश्लेषण विधि किसे कहते हैं? विश्लेषण विधि के गुण, दोष, अर्थ एवं परिभाषा क्या है? तो चलिए हम लोग जानते हैं कि विश्लेषण विधि किसे कहते हैं?
यदि आप CTET या TET EXAMS की तैयारी कर रहें हैं तो RKRSTUDY.NET पर TET का बेहतरीन NOTES उपलब्ध है। NOTES का Link नीचे दिया गया है :- |
➤ Topic
- विश्लेषण विधि क्या है?
- विश्लेषण विधि(Analysis method) का अर्थ एवं महत्व क्या है?
- विश्लेषण विधि के गुण क्या है?
- विश्लेषण विधि के दोष क्या है?
➤ विश्लेषण विधि क्या है?
विश्लेषण विधि(Analysis method) एक शिक्षण विधि है। जिसमें किसी समस्या को पहले छोटे-छोटे भागों में विभाजित किया जाता है। उसके बाद समस्या के बारे में अध्ययन किया जाता है। फिर उसके निष्कर्ष पर पहुंचा जाता है। इस प्रकार के शिक्षण विधि को विश्लेषण विधि कहते हैं। इस विधि से समस्या का हल निकलने पहले समस्या के बारे में जानते हैं, फिर समस्या के हल के लिए उपयुक्त विधि को चुनते हैं तथा अंत में में समस्या का हल सामने आता है।
➤ विश्लेषण विधि में तीन शिक्षण सूत्रों का प्रयोग किया जाता है –
- अज्ञात से ज्ञात की ओर
- अरमान से प्रत्यक्ष की ओर
- निष्कर्ष से परिकल्पना की ओर
विश्लेषण विधि में छात्र खुद से सूक्ष्म अवलोकन के आधार पर खोज करते हैं की समस्या को हल करने के लिए किन- किन बातों की जानकारी होना आवश्यक है।
➤ विश्लेषण विधि(Analysis method) के गुण तथा लाभ
- इस विधि में छात्रों को खोज करने का अवसर मिलता है।
- इस विधि को क्रियाशील विधि माना जाता है।
- इस विधि द्वारा प्राप्त होने वाले ज्ञान हमेशा स्थाई होता है।
- इस विधि में छात्र हमेशा क्रियाशील रहते हैं।
➤ विश्लेषण विधि के दोष तथा हानि
- इस विधि द्वारा समस्या के निष्कर्ष तक पहुंचने में अधिक समय लगता है।
- इस विधि का उपयोग प्राथमिक स्तर के कक्षा के लिए करना कठिन होता है।
- इस विधि द्वारा छात्र धीरे-धीरे ज्ञान का अर्जन करता है।
- विश्लेषण विधि एक कठिन विधि होने के कारण इससे बालक में नीरसता की भावना उत्पन्न होती है।
Watch this topic on YouTube
➤ Read more related Topic
CTET Preparation Group | ![]() |