आज हमलोग CTET, TET, D.El.Ed and B.Ed के अंतर्गत आने वाले एक बहुत ही महत्वपूर्ण Topic के बारे में पढ़ेंगे वह Topic है – विशिष्ट बालक। हमलोग विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे कि विशिष्ट बालक किसे कहते हैं? विशिष्ट बालक की परिभाषा क्या है? साथ ही साथ यह भी जानेंगे कि विशिष्ट बालक की पहचान क्या है?
तो चलिए हम लोग सभी पदों को क्रमबद्ध तथा विस्तार पूर्वक अध्ययन करते हैं।
विशिष्ट बालक किसे कहते हैं?
हम लोग जैसा कि देखते हैं कि प्रत्येक समाज में कुछ ऐसे बालक होते हैं जो सामान्य से श्रेष्ठ बुद्धि वाले होते हैं तथा कुछ ऐसे बालक होते हैं जो सामान्य बालकों की अपेक्षा मंदबुद्धि के होते हैं। इस प्रकार के बालको का रहन-सहन, बात विचार करने का तरीका भी काफी अलग होता है। इस प्रकार के बालक जो सामान्य बालकों की अपेक्षा अपना अलग गुण को व्यक्त करता है, विशिष्ट बालक की श्रेणी में आता है।
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विशिष्ट बालक की परिभाषा
वैसे बालक जो मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, संवेगात्मक इत्यादि में सामान्य वालों को की अपेक्षा एक अलग गुण प्रदर्शित करता है इस प्रकार के बालक को विशिष्ट बालक कहते हैं।
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार विशिष्ट बालक की परिभाषा
क्रो एवं क्रो के अनुसार – वह बालक, जो मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और संवेगात्मक आदि विशेषताओं में औसत से विशिष्ट हो और यह विशिष्टता इस स्तर की हो कि उसे अपने विकास के लिए विशेष परीक्षण की आवश्यकता हो, विशिष्ट बालक कहलाता है।
हेक के अनुसार :- विशिष्ट बालक वह है , जो किसी एक अथवा कई गुणों की दृष्टि से सामान्य बालक से पर्याप्त मात्रा में भिन्न होता है ।
क्रिक के अनुसार :- विशिष्ट बालक वह है जो सामान्य अथवा औसत बालक से मानसिक , शारीरिक तथा सामाजिक विशेषताओं से इतना अधिक भिन्न है कि वह विद्यालय व्यवस्थाओं में संशोधन अथवा विशेष सेवायें चाहता है जिससे वह अपनी अधिकतम क्षमता का विकास कर सके।
विशिष्ट बालक की पहचान
बालकों के शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक एवं सामाजिक आधारों पर विशिष्ट बालक को चार भागों में वर्गीकृत किया गया है।
शारीरिक रूप से विशिष्ट बालक
शारीरिक रूप से विशिष्ट बालक में सामान्य बालक की तुलना में विशिष्ट बालक की शरीर की बनावट कुछ अलग सी होती है। जैसे कोई बालक बहुत ही लंबा है या कोई बालक बहुत छोटा है, कोई बालक शारीरिक रूप से विकलांग है। अर्थ अर्थ सामान्य से अलग शारीरिक संरचना वाले बालक को भी विशिष्ट बालक कहते हैं।
विशिष्ट बालक किसे कहते हैं?
मानसिक रूप से विशिष्ट बालक
कोई बालक अत्यधिक तीव्र बुद्धि के होते हैं तो कोई बालक काफी मंदबुद्धि के होते हैं जो सामान्य बुद्धि वाले बालक से अपना अलग गुण प्रदर्शित करते हैं इस प्रकार के बालक को भी विशिष्ट बालक की श्रेणी में रखा गया है।
संवेगात्मक रूप से विशिष्ट बालक
सामान्य बालक के संवेग की अपेक्षा इस प्रकार के बालक में संवेगों की विभिन्नता पाई जाती है। इस प्रकार के बालक में शर्मीले, क्रोधी, चिंताग्रस्त, अस्थिर इत्यादि प्रकार के बालक आते हैं।
सामाजिक रूप से विशिष्ट बालक
सामाजिक रूप से विशिष्ट बालक में वे बालक आते हैं जो चोरी करना, झूठ बोलना, नशा पान करना, बाल अपराधी गुण इन सारी गुण को प्रदर्शित करते हैं। इस प्रकार के बालक को सामाजिक रूप से विशिष्ट बालक के श्रेणी में रखते हैं।
विशिष्ट बालकों का वर्गीकरण
विशिष्ट बालक को निम्नलिखित भागों में बांटा गया है-
- प्रतिभाशाली बालक
- सृजनशील बालक
- पिछड़े बालक
- मंदबुद्धि बालक
- समस्यात्मक या संवेगात्मक दृष्टि से पिछड़े बालक
- बाल अपराधी
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