इस लेख के माध्यम से आप “व्यक्तित्व (Personality)” के बारे में अध्ययन करेंगे। आप जानेंगे कि व्यक्तित्व किसे कहते हैं? व्यक्तित्व का अर्थ क्या है? व्यक्तित्व के परिभाषा क्या है? व्यक्तित्व के प्रकार क्या है? व्यक्तित्व के विशेषता | Personality In Hindi

व्यक्तित्व किसे कहते हैं? व्यक्तित्व का अर्थ, परिभाषा, एवं विशेषता

व्यक्तित्व किसे कहते हैं?

व्यक्तित्व (Personality) का अर्थ 

Personality शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द Persona से हुई है।

इसका अर्थ मुखौटा होता है।

जिसे दूसरे शब्दों में बाहरी नकाब या वेशभूषा कह सकते हैं।

साधारण शब्दों में समझे तो व्यक्तित्व किसी भी व्यक्ति के बाहरी वेशभूषा को प्रदर्शित करता है।

किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के अंतर्गत व्यक्ति के रंग रूप, स्वाभाव, चरित्र, बुद्धि, शारीरिक संरचना, विचार, रुचि, सहनशीलता इत्यादि आते हैं।

व्यक्तित्व को व्यक्ति के अनुवांशिक एवं पर्यावरणीय दोनों कारकों का संयुक्त रूप से प्रकटीकरण कहा जाता है।

क्योंकि हमारा व्यक्तित्व वंश परंपरा एवं परिवेश के अनुरूप ढल जाता है।

इसीलिए व्यक्तित्व को अनुवांशिकता एवं वातावरण का गुणनफल कहा गया है।

व्यक्तित्व = अनुवांशिकता X वातावरण

व्यक्तित्व की परिभाषा

आईसेन्क के अनुसार :- व्यक्ति के चरित्र स्वभाव बुद्धि तथा शरीर गठन द्वारा निर्मित अपेक्षाकृत उच्च स्थाई या टिकाऊ व्यवस्था को व्यक्तित्व कहा जाता है जिस पर उसका पर्यावरण से विलक्षण सामांजन निर्भर होता है।

आर बी कैटल के अनुसार :- व्यक्तित्व वह गुण है जिसके आधार पर भविष्य कथन करना संभव होता है कि व्यक्ति प्रदत परिस्थिति में किस प्रकार का आचरण प्रदर्शित करेगा।

किसी व्यक्ति का बाहरी वेशभूषा, उसका स्वाभाव, विचार, चरित्र, व्यवहार, रुचि, संवेग इत्यादि व्यक्तित्व कहलाता है।

व्यक्तित्व किसे कहते हैं? व्यक्तित्व का अर्थ, परिभाषा, एवं विशेषता

जुंग के अनुसार मनोवैज्ञानिक गुणों के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण

  1. अंतर्मुखी व्यक्तित्व :- इस प्रकार के व्यक्ति एकांत स्वभाव के होते हैं अर्थात वह अपने आप में मस्त रहता है।
  2. बहिर्मुखी व्यक्तित्व :- इस प्रकार के व्यक्ति सामाजिक कार्यों में विशिष्ट रुचि रखता है। स्वाभाव से बड़बोला होता है। यह समूह में रहना एवं सामूहिक कार्य करना पसंद करता है।
  3. अभयमुखी व्यक्तित्व :- इस प्रकार के व्यक्तित्व वाले व्यक्ति में अंतर्मुखी और बहिर्मुखी दोनों प्रकार के व्यक्तित्व का समावेशन होता है। 

शेल्डन ने शारीरिक गुणों के आधार पर व्यक्तित्व को निम्न प्रकार से बांटा है :-

  1. लंबाकार:- यह व्यक्ति शरीर से दुबले, पतले तथा लंबे होते हैं। इनमें उत्तेजना अधिक होती है।
  2. गोलाकार :- इस प्रकार के व्यक्ति मोटे एवं नाते दिखता है। इस तरह के व्यक्ति के शारीरिक गठन आराम दायक, खुशमिजाज एवं खाने पीने की चीजों में अधिक रूचि दिखाने वाले होते हैं।
  3. सुडोल :- ऐसे लोगों की हड्डियां व मांस पेशियों काफी विकसित होती है तथा शरीर का गठन काफी सुडौल होता है।

व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक

मनुष्य का व्यक्तित्व अनुवांशिकता एवं वातावरणीय कारक से प्रभावित होता है।

अनुवांशिक कारक :-

व्यक्ति के रंग-रूप, आकार, लंबाई, भार इत्यादि अगर उसके पूर्वजों से मिल रहा है तो उसका व्यक्तित्व अनुवांशिक कारकों से प्रभावित हुआ है।

वातावरणीय कारक :-

वातावरण के अंतर्गत अनेको ऐसे कारक आते हैं जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं।

जैसे :- परिवार, भोजन, माता-पिता का दृष्टिकोण, परिवेश, स्कूल एवं शिक्षकों का व्यवहार, मित्रों के समूह, संचार माध्यम इत्यादि।

व्यक्तित्व के गुण एवं विशेषता

  • व्यक्तित्व ही किसी व्यक्ति का पहला परिचय होता है।
  • व्यक्तित्व गतिशील होता है।
  • व्यक्तित्व अनुवांशिक एवं वातावरण के कारकों के अनुरूप बदलते रहता है।
  • व्यक्तित्व के माध्यम से किसी व्यक्ति के स्वभाव, चरित्र, रुचि, क्षमता इत्यादि का पता चलता है।

इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि व्यक्तित्व किसे कहते हैं?

मैं उम्मीद करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आई होगी तथा यह आपके लिए उपयोगी भी होगा। इसी तरह के अन्य लेख को पढ़ने के लिए पढ़ते रहिए…..RKRSTUDY.NET

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